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घंटाघर के बाद गोमती नगर में भी सीएए विरोध प्रदर्शन ...

पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप

लखनऊ के घंटाघर में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बाद गोमतीनगर के गंज शहीदा कब्रिस्तान के निकट दरगाह परिसर में भी प्रदर्शन शुरू हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस व अफसर मौके पर पहुंचे। देर रात टेंट वालों ने शामियाना उतार दिया तो महिलाओं ने इसके लिए पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। महिलाओं ने पुलिस द्वारा बदसलूकी करने के आरोप भी लगाए। हुसैनाबाद स्थित घंटाघर पर चल रहा महिलाओं का प्रदर्शन को और तेज हो गया। यहां प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई। विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए साझी दुनिया की अध्यक्ष व लविवि की पूर्व कुलपति डॉ. रूप रेखा वर्मा भी पहुंचीं। एडवा की मधु गर्ग ने भी कई महिलाओं के साथ प्रदर्शन में हिस्सेदारी की।

भीषण ठंड में भी रात भर बच्चों संग बिना अलाव व टेंट के डटी रहीं महिलाएं

उन्होंने धारा 144 लगाने को गलत बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि लोकतंत्र में विरोध करना संवैधानिक अधिकार है। सरकारें इसका दुरुपयोग कर रही हैं। मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडेय, पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता वीना राना, उरूशा राना, सदफ जाफर, नाईश हसन, आदियोग, अब्दुल नसीर नासिर भी प्रदर्शकारियों का समर्थन करने पहुंचे। वहीं वजीरबाग के दिव्यांग दंपती मो. वसीम व उनकी पत्नी तरन्नुम वसीम अब्बास भी डटे रहे। कौसर, शबी फातिमा के साथ महिलाएं विरोध को पहुंचीं। महिलाओं के बुलंद हौसले 18 डिग्री तापमान में कम नहीं हुए। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं कड़ाके की ठंड में रात-रातभर डटी हुई हैं। मोमबत्ती जलाकर नारेबाजी की।

गोमतीनगर में दरगाह में जुटीं महिलाएं, पुलिस पर टेंट हटवाने का आरोप

हुसैनाबाद घंटाघर पर प्रदर्शन के साथ गोमतीनगर में गंज शहीदा कब्रिस्तान के निकट दरगाह परिसर में प्रदर्शन की सूचना पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी व अधिकारी पहुंच गए। महिलाओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे हटने को तैयार नहीं हुईं। इस दौरान महिलाओं ने ठंड से बचने के लिए अलाव की लकड़ियां जुटानी शुरू की तो पुलिस उसे हटाने लगी। इससे नाराज महिलाओं ने जबरन अलाव में आग लगा दी।

दरगाह परिसर के पास काफी संख्या में पुरुष भी पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें हटा। प्रदर्शन में शामिल नुसरत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून देशहित में नहीं है क्योंकि इसके बाद एनआरसी लाने की बात कही जा रही है। दोनों के आपस में जुड़ने से देश की जनता को नुकसान पहुंचेगा। यहां देर रात टेंट वाले ने आकर अचानक शामियाना उतार लिया। इससे महिलाएं खुले आसमान के नीचे आ गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने दबाव बनाकर शामियाना हटवा दिया। इधर, पुलिस देर रात तक प्रदर्शनकारी महिलाओं को हटने के लिए समझाती रही। इससे कुछ महिलाएं हट जातीं, लेकिन दूसरी महिलाएं आकर डट जातीं।

शायर मुनव्वर राना की बेटियों सहित 150 पर केस

घंटाघर पर तीन दिनों से लगातार प्रदर्शन चल रहा है। ठाकुरगंज पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए शायर मुनव्वर राना की दो बेटियों सहित 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। ठाकुरगंज थाने में तीन अलग-अलग मुकदमों में यह कार्रवाई की गई है। इसमें रास्ता जाम कर प्रदर्शन, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी वायरल करने, धारा 144 का उल्लंघन व बलवा का मुकदमा दर्ज किया गया है।

ठाकुरगंज थाने में सुमैय्या राना, फैजिया राना, रुखसाना, शफी फातिहा समेत 10 अन्य के खिलाफ महिला आरक्षी ज्योति कुमारी ने केस दर्ज कराया है। सुमैय्या राना व फैजिया राना मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटियां है। वहीं सब इंस्पेक्टर सेठ पाल सिंह व सिपाही विक्रांत कुमार की तहरीर पर दो और मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसमें लईक अमहद, नसरीन जावेद, मोउद्दीन, रसूख अहमद, शवी फातिमा, शाफिया हाफिजा, राफिया, नाजनीन, इरफाना, राजिया, रेहाना, नूर बानो, कौशर, फिरदौस, अफरोज, पूजा, फरीन बानो समेत करीब 125 लोगों के खिलाफ  केस दर्ज कराया गया हैैं।

एडीसीपी विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक शनिवार रात को डिफेंस एक्सपो, गणतंत्र दिवस व अन्य विशेष समारोहों को देखते हुए राजधानी के कमिश्नरी क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दिया गया है। ऐसे में घंटाघर पर चल रहा प्रदर्शन पूरी तरह से अवैधानिक हो गया है। पुलिस लोगों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील कर रही है लेकिन प्रदर्शनकारी प्रशासन की बात सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि रविवार को ठाकुरगंज में धारा 144 का उल्लंघन करने का मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है।
 

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