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घंटाघर पर प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं को नोटिस ...

महिलाएं डटी

घंटाघर पर सीएए व एनआरसी के खिलाफ गत 13 दिनों से चल रहे महिलाओं के प्रदर्शन में मासूम बच्चों को भी शामिल किया जा रहा है। इनके फोटो व वीडियो से रिकार्ड जुटाने के बाद न्यायालय बाल कल्याण समिति ने बुधवार को प्रदर्शकारियों को नोटिस जारी किया है।

समिति के सदस्यों के मुताबिक प्रदर्शन में बच्चों को लेकर शामिल होने वाले अभिभावकों के खिलाफ धारा 75 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें तीन साल की सजा व एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
न्यायालय बाल कल्याण समिति लखनऊ के अध्यक्ष कुलदीप रंजन के नेतृत्व वाली कमेटी ने बुधवार शाम को घंटाघर पर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को नोटिस जारी किया है। कमेटी के सदस्य डॉ. संगीता शर्मा, सुधारानी, ऋचा खन्ना, विनय कुमार श्रीवास्तव ने नोटिस पर दस्तखत किए हैं।

समिति के मुताबिक किशोर न्याय (बालकों की देखरेख व संरक्षण) अधिनियम-2005 की धारा 3 (4) के अनुसार बालक या बालिकाओं के सर्वोत्तम हित के दृष्टिगत बाल कल्याण समिति को कार्य करना है। ताकि बच्चों का बचपन, उनकी शिक्षा व स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके। समिति ने सर्वसम्मति से आदेश दिया कि सभी ऐसे परिवार जो अपने बच्चों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, वे तत्काल बच्चों को घर भेज दें, ताकि उनकी सामान्य दिनचर्या दोबारा शुरू हो सके।

कई बच्चे अपना विद्यालय छोड़कर धरना स्थल पर हैं। उनके सही समय से खाना आदि व खेल का इंतजाम भी बिगड़ गया है। बच्चों के सर्वोत्तम हित व उनकी मानसिकता पर दुष्प्रभाव न पड़े। इसलिए बच्चों को तत्काल धरना स्थल से हटाया जाए। यदि नोटिस के बाद भी ऐसा नहीं किया गया तो जिम्मेदार अभिभावकों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

कड़ी सजा का है प्रावधान

समिति की सदस्य डॉ. संगीता शर्मा के मुताबिक किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत प्रदर्शन में शामिल होने वाले बच्चों के अभिभावकों के खिलाफ सजा के कड़े प्रावधान हैं। इस धारा के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है जो बच्चों को अनावश्यक मानसिक व शारीरिक कष्ट देते हैं। ऐसे लोगों को तीन साल की जेल हो सकती है।
जेल न जाने की दशा में एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों सजा एक साथ दी जा सकती है। वहीं अगर इस तरह की प्रताड़ना से बच्चा शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है या उसे मानसिक रोग हो जाता है तो इसके लिए जिम्मेदार के खिलाफ तीन साल की सजा की जगह 10 साल तक की सजा हो सकती है। जुर्माने की राशि भी पांच लाख तक हो जाएगी। घंटाघर पर करीब एक पखवारे से सीएए के खिलाफ चल रहा मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा। दिन में हुई हल्की बारिश से प्रदर्शकारियों के लिए मुश्किल खड़ी की, लेकिन इसके बाद भी महिलाएं डटी रहीं।

प्रदर्शन स्थल पर दोपहर बाद एक बार फिर भीड़ जुटने लगी। इसे देखते हुए ठाकुरगंज थाना पुलिस के साथ ही अन्य थानों की पुलिस व आरएएफ के जवान यहां मुस्तैद रहे। मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी तैनात हैं। शाम को सपा के पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र ने यहां पहुंच कर महिलाओं का समर्थन किया।

इस दौरान विभिन्न संगठनों की महिलाएं, अधिवक्ताओं के दल भी घंटाघर पहुंच सीएए पर विरोध दर्ज कराते रहे। सपा के पूर्व मंत्री अभिषेक ने कहा कि जाति, धर्म व पहनावे के आधार पर बदलाव होगा तो विरोध होगा, चाहे वह कोई भी सरकार हो।
उन्होंने कहा कि सरकारों को मिलकर तय करना होगा कि इस कानून में संविधान के मुताबिक क्या बदलाव की जरूरत है। उनके साथ पूर्व विधायक रेहान नईम व अनुराग भदौरिया भी शामिल रहे। इस दौरान अफवाह उड़ी कि अभिषेक मिश्र को महिलाओं ने प्रदर्शन स्थल से वापस कर दिया। हालांकि, प्रदर्शन कर रहीं शबीह फातिमा व अन्य महिलाओं ने इसका खंडन किया।
उधर, उजरियांव में भी प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारियों को बुधवार को पीने के पानी की किल्लत हो गई। इसे देखते हुए सहयोगियों ने पानी की बोतलों का इंतजाम किया। अब घंटाघर के नीचे तिरपाल भी लगा दिया गया है।
सीएए व एनआरसी के खिलाफ घंटाघर पर कई दिनों से चल रहे प्रदर्शन के बाद अब पुलिस भी हरकत में आने लगी है। पुलिस की निगाह प्रदर्शनकारियों के मददगारों पर लगी है। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रही है। सभी की वीडियो व फोटोग्राफी करा रही है। उन्हें चेतावनी नोटिस भी भेज रही है। ऐसे सैकड़ों लोगों को नोटिस जारी किया है।
अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं को सहयोग और प्रदर्शन को बढ़ावा देने का काम कुछ लोग कर रहे हैं। चिह्नित लोगों के खिलाफ धारा 149 का नोटिस जारी किया जा रहा है।
संबंधित व्यक्ति की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। ताकि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रभारी निरीक्षक ठाकुरगंज प्रमोद कुमार मिश्रा के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की मदद करने वाले सैकड़ों लोगों की सूची खुफिया विंग के सहयोग से तैयार हुई है।
इसमें रामगंज हुसैनाबाद के रईस अहमद, आदिल, नसीम, ताहिर, अनस, अरशद, अकरम, सब्बू, सफात, कयूम सहित सैकड़ों लोग शामिल हैं। इन्हें लगातार नोटिस जारी हो रहे हैं। जो भी संदिग्ध मिल रहा है, उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
वहीं, सीएए व एनआरसी के विरोध के नाम पर बुधवार को मोहनलालगंज रेलवे स्टेशन पर अराजकता की गई। रेलवे ट्रैक जाम करने के इरादे से स्टेशन पहुंचे प्रदर्शकारियों ने महिला यात्रियों से अभद्रता की और लोगों को सीएए के विरोध में नारा लगाने को विवश किया।
सूचना पर पहुंची मोहनलालगंज थाना पुलिस ने लाठी फटकार कर अराजकतत्वों को खदेड़ा। इस दौरान 10 को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अन्य भाग निकले। पुलिस मुख्य सूत्रधार की तलाश कर रही है। कस्बे में भारी पुलिस बल व पीएसी तैनात कर दी गई है।
पुलिस के मुताबिक बुधवार को मऊ गांव में मदरसे के पीछे हाथों में नीला व एक समुदाय विशेष के झंडे लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ में शामिल लोग सीएए व एनआरसी के विरोध में नारे लगाते हुए रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। वहां कुछ प्रदर्शनकारी यात्रियों से बदसलूकी करने लगे।
सूचना पाकर मोहनलालगंज इंस्पेक्टर भारी पुलिस के साथ रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और रेलवे ट्रैक की ओर बढ़ रही भीड़ को लाठी पटक कर तितर-बितर किया। बवाल कर रहे 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि बाकी भाग निकले। पकड़े गए 10 लोगों के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन व शांतिभंग का केस दर्ज किया गया है।
पुलिस प्रदर्शन को कराने के पीछे स्थानीय सूत्रधार का पता लगा रही है। इंस्पेक्टर जीडी शुक्ला के मुताबिक भीड़ को बहुजन क्रांति मोर्चा व भीम आर्मी के लोगों ने जमा किया था। पुलिस के पहुंचते ही इन संगठनों के स्थानीय नेता भाग निकले। इनकी तलाश की जा रही है। कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
पकड़े गए लोगों ने पुलिस को बताया कि उनकी योजना मोहनलालगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर ट्रैक जाम करने की थी। प्रदर्शन की योजना बहुजन क्रांति मोर्चा व भीम आर्मी के लोगों ने बनाई थी। इसी के तहत सुबह मोहनलालगंज के आसपास के गांवों से लोगों को वाहनों में भरकर मोहनलालगंज स्थित मदरसे के पीछे लाए थे।

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