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विधानसभा की 12 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा जल्द ...

पुनरीक्षण कार्य में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा

प्रदेश में 15 अक्तूबर 2019 से 15 जनवरी 2020 तक मतदाता पुनरीक्षण कार्य में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं किए जा सकेंगे। इनमें डीएम से लेकर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) तक शामिल हैं। ऐसे में फील्ड में तैनात कई आईएएस व पीसीएस अफसरों के तबादले जल्द ही किए जाने की संभावना है। इनमें कई जिलों के डीएम भी बदले जा सकते हैं। 

केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने एक जनवरी 2020 को 18 वर्ष पूरे करने वाले मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए 15 अक्तूबर 2019 से विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान शुरू करने का फैसला किया है। 

इस अभियान के दौरान नए मतदाता बन सकेंगे, लोग अपने नाम एक स्थान से कटवाकर दूसरे स्थान पर जुड़वा भी सकेंगे। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन एक जनवरी 2020 से 15 जनवरी 2020 के बीच किया जाएगा। अंतिम प्रकाशन की तिथि आयोग आगे तय करेगा। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को इस संबंध में पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि इस अभियान के दौरान पुनरीक्षण कार्य में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा। 

मतदाता पुनरीक्षण अभियान से जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में डीएम, प्रभारी अधिकारी निर्वाचन के रूप में एडीएम व तहसील स्तर पर डिप्टी कलेक्टर सीधे जुड़े रहते हैं। इसके अलावा ग्राम्य विकास, पंचायतीराज व राजस्व सहित विभिन्न विभागों के फील्ड से जुड़े कर्मी बीएलओ की भूमिका में होते हैं। 15 अक्तूबर से 15 जनवरी 2020 तक इनके तबादले नहीं किए जा सकेंगे। अपरिहार्य परिस्थितियों में सरकार आयोग की अनुमति से तबादले कर सकेगी।

जानकार बताते हैं कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग प्रदेश विधानसभा की 12 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा जल्द ही कर सकता है। उपचुनाव की कार्यवाही 15 अक्तूबर के पहले पूरे होने की संभावना कम है। ऐसे में उपचुनाव की घोषणा से पहले सरकार कई जिलों में डीएम, एडीएम व डिप्टी कलेक्टर के तबादले कर सकती है। काफी डिप्टी कलेक्टर हाल में बदले भी गए हैं। 

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