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यूपी कैबिनेट की बैठक में 10 प्रस्तावों को मिली मंजूरी ...

उप्र नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 को कैबिनेट बाइ सर्कुलेशन के माध्यम से दी गई मंजूरी

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में शुक्रवार को हुई बैठक में 10 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। प्रस्ताव में सबसे अहम यह रहा कि, मकान मालिक व किरायेदारों के विवादों को कम करने के लिए बनाए गए उप्र नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश–2021 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी गई है। इसमें किरायेदारी अनुबंध के आधार पर करने का प्रावधान है। किसी भी विवाद के निपटारे के लिए रेंट अथारिटी एवं रेंट ट्रिब्यूनल का प्राविधान किया गया है। ट्रिब्यूनल में अधिकतम 60 दिनों के अंदर वादों का निस्तारण होगा।

अध्यादेश के मुताबिक कोई भी मकान मालिक बगैर अनुबंध किसी को किराये पर अपना मकान नहीं दे सकेगा। साथ ही किराए में मनमानी बढ़ोतरी भी नहीं कर सकेगा। इस अध्यादेश से किरायेदारी के विवाद कम होंगे तथा पुराने प्रकरणों में किराया पुनरीक्षण किया जा सकेगा।

अध्यादेश को जल्द की कानूनी रूप दिया जाएगा

अध्यादेश लागू होने के बाद सभी किरायेदारी अनुबंध के आधार पर होगी। इस अध्यादेश को लागू करने से संबंधित प्रस्ताव को शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। अब इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। वर्तमान में लागू उ.प्र शहरी भवन (किराये पर देने‚ किराया तथा बेदखली विनियमन) अधिनियम–1972 लागू है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद से भवन स्वामी और किरायेदारों के बीच के विवाद बढ़ गए हैं। बड़ी संख्या में अदालतों में मुकदमे चल रहे हैं।

भवन स्वामियों को उनकी संपत्ति का उचित किराया नहीं मिल रहा है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश और भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए माडल टेनेंसी एक्ट के आधार पर नगरीय परिसरों की किरायेदारी विनियमन अध्यादेश 2021 तैयार किया गया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को 11 जनवरी से पहले इस अध्यादेश को लागू करने के निर्देश दिए थे। केन्द्र सरकार के ‘टेनेंसी एक्ट' के आधार पर तैयार किए गए इस नये अध्यादेश में मकान मालिक और किरायेदारों के लिए कई तरह के प्रावधान शामिल हैं।

इसके अलावा इन प्रस्तावों पर लगी मोहर

औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू किये जाने के सम्बन्ध में नीति निर्धारण का प्रस्ताव पास हुआ।
उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (प्रथम संशोधन) 2019 के प्रस्तर- 3.3 (2) में संशोधन का प्रस्ताव पास हुआ।
ऐसे विलेख, जिनका रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य नहीं है, पर स्टाम्प शुल्क की देयता को सुविधाजनक बनाये जाने के लिए डिजिटल ई-स्टाम्प की व्यवस्था प्रारम्भ किये जाने हेतु उप्र ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 में संशोधन का प्रस्ताव पास हुआ।
2021-22 के लिए आबकारी नीति के निर्धारण का प्रस्ताव हुआ पास हुआ।
मे. के.एम. शुगर मिल, मसोधा, अयोध्या द्वारा स्वयं की आसवनी में किये गये शीरे के सम्भरण पर जमा किये गये प्रशासनिक शुल्क की वापसी के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ।
प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क के निर्माण हेतु भूमि की व्यवस्था कराये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव पास हुआ।

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