50 लाख तक की संपत्ति के शुल्क में कोई बदलाव नहीं ...
एक्ट में संशोधन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी
प्रदेश में दो दशक से एक ही दर पर लिए जा रहे स्टांप शुल्क में वृद्धि की तैयारी है। दत्तक ग्रहण, शपथ पत्र, समझौता पत्र, लीज, लाइसेंस, न्यास समाप्ति आदि पर लिए जा रहे स्टांप शुल्क में ढाई से 10 गुना तक वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा स्टांप शुल्क के दायरे से बाहर लाभ वाले कई नए कार्य इसके दायरे में लाए जाएंगे। इससे सरकार को प्रति वर्ष 400 से 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त आय होने का अनुमान है।
शासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार को अपने क्षेत्र के विभिन्न तरह के लिखा-पढ़ी वाले प्रपत्रों (विलेख) पर स्टांप शुल्क की दर तय करने का अधिकार है। प्रदेश में 2001 से अब तक इसमें कोई संशोधन नहीं किया गया है।
जबकि, कई राज्य इन 20 वर्षों में कई-कई बार विभिन्न तरह के विलेखों पर स्टांप शुल्क में बदलाव कर चुके हैं। यहां लंबे समय से स्टांप शुल्क की समीक्षा न होने से कई विलेखों पर लिए जा रहे स्टांप शुल्क अनौचित्यपूर्ण व खर्च उससे अधिक हो गए हैं। मसलन, 10 रुपये के सामान्य स्टांप पत्र पर 27 रुपये का खर्च आता है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक व राजस्थान के स्टांप एक्ट व बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश के स्टांप एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है।
अधिकारी ने बताया कि मौजूदा दरों को तर्कसंगत बनाने के साथ बौद्धिक संपदा संबंधी अधिकारों के अंतरण, संचार माध्यमों में टीवी, रेडियो, सिनेमा व केबल नेटवर्क या अन्य मीडिया साधनों में विज्ञापन संबंधी अनुबंधों व टोल प्लाजा के अनुबंध पर स्टांप देयता तय करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में इन पर किसी तरह की स्टांप शुल्क की व्यवस्था नहीं है। अधिकारी ने बताया कि इन प्रस्तावों पर एक बार शीर्ष स्तर पर चर्चा हो चुकी है। अब एक्ट में संशोधन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
इन विलेखों के स्टांप शुल्क में इस तरह वृद्धि का प्रस्ताव (शुल्क रुपये में)
विलेख का प्रकार वर्तमान प्रति स्टांप शुल्क मूल्यप्रस्तावित प्रति स्टांप शुल्क मूल्यशपथ पत्र10100प्रति या उद्धरण 10100 लिखत (लिपिकीय त्रुटि सुधार)10100अप्रेंटिसशिप20100लाइसेंस पत्र 30100लीज सरेंडर 40100समझौता पत्र 50100प्रतिलेख या द्वितीय प्रति 50100न्यास का निरसन 80500क्षतिपूर्ति पत्र80100दत्तक ग्रहण1001000अधिकार क्रियान्वयन में नियुक्ति 1001000
50 लाख तक की संपत्ति के शुल्क में कोई बदलाव नहीं
किसी संपत्ति की रजिस्ट्री पर वर्तमान में अधिकतम रजिस्ट्रेशन शुल्क 20 हजार रुपये है। 50 लाख रुपये तक इसे 2 प्रतिशत और अधिकतम 20 हजार रुपये के स्तर पर बरकरार रखा गया है। इससे अधिक की रजिस्ट्री पर रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिकतम 50 हजार रुपये होगा। लेकिन 50 लाख रुपये से अधिक राशि वाली रजिस्ट्री पर रजिस्ट्रेशन शुल्क के लिए स्लैब तय किया गया है।
इस तरह निबंधन शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव
विलेख पर दर्ज रकम/ मूल्यांकन (रुपये में)
20 लाख तक 2 प्रतिशत, अधिकतम 20 हजार
50 से 60 लाख 25 हजार
60 से 70 लाख 30 हजार
70 से 80 लाख 35 हजार
80 से 90 लाख 40 हजार
90 लाख से एक करोड़ 45 हजार
एक करोड़ से अधिक 50 हजार
स्टांप शुल्क में दायरे के विस्तार व वृद्धि के प्रमुख क्षेत्र
संचार माध्यमों पर विज्ञापन : वर्तमान में इस तरह के अनुबंध पर किसी तरह का स्टांप शुल्क नहीं लिया जाता है। अब टीवी, रेडियो, सिनेमा, केबल नेटवर्क या अन्य मीडिया साधनों पर विज्ञापन दिए जाने वाले विज्ञापन संबंधी अनुबंध पर (समाचार पत्रों को छोड़कर) 50 पैसा प्रति 100 रुपये अधिकतम तीन लाख रुपये स्टांप शुल्क का प्रस्ताव है। गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक जैसे राज्यों में इस मद में भारी स्टांप शुल्क लिया जाता है।
बौद्धिक संपदा अधिकार : बौद्धिक संपदा अधिकारों के अंतरण पर स्टांप शुल्क लगाने की योजना है। कॉपीराइट, ट्रेडमार्क व पेटेंट के अंतर्गत अंतरण के अनुबंधों पर एक रुपये प्रति 10 हजार रुपये तय करने का प्रस्ताव है। इसकी न्यूनतम सीमा 500 रुपये होगी।
कारपोरेट सेक्टर : इस सेक्टर का तेजी से विस्तार हो रहा है और बड़ी अंशपूंजी से कार्य होते हैं। लेकिन कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन पर स्टांप शुल्क केवल 500 रुपये है। अब कंपनी के कुल अंश पूंजी के 0.2 प्रतिशत के बराबर स्टांप तय करने का प्रस्ताव है।
इसकी अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये हो सकती है। नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन से स्टांप शुल्क से बड़ी आय हो सकती है। इसी तरह कारपोरेट सेक्टर में चल-अचल संपत्ति के अंतरण पर प्रदेश में स्टांप शुल्क नहीं लगता है। गुजरात व महाराष्ट्र काफी स्टांप लेते हैं। यहां अब अंतरक कंपनी की अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य या विनिमय में दिए गए शेयरों व प्रतिफल में दी गई धनराशि केयोग का 0.7 प्रतिशत, में जो भी अधिक हो स्टांप दर तय करने की योजना है।
बैंक गारंटी
हाल के वर्षों में तेजी से औद्योगीकरण की गतिविधियां बढ़ी हैं व लाखों-करोड़ों के कार्य हो रहे हैं। लेकिन वर्तमान में ऐसे कार्यों पर गारंटी धनराशि का 0.5 प्रतिशत लेकिन अधिकतम 10 हजार रुपये स्टांप शुल्क तय है। विभाग ने 20 लाख तक इसे वर्तमान दर पर बनाए रखने और इससे अधिक की बैंक गारंटी की धनराशि पर 20 पैसे प्रति 100 रुपये स्टांप देयता तय करने की योजना है। हालांकि स्टांप की अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये रहेगी।
शेयर : कंपनियां या अन्य निगमित संस्थाएं शेयर, स्क्रिप या स्टॉक जारी करती हैं। इन शेयर, स्क्रिप या स्टॉक के स्वत्व या स्वामित्व लेखपत्र से प्रमाणित होते हैं। इसके लिए केवल एक रुपये का स्टांप शुल्क तय है। यहां स्टांप शुल्क को शेयर से जोड़ने और शेयर मूल्य का 0.1 प्रतिशत स्टांप देयता तय करने की योजना है। महाराष्ट्र में यह योजना पहले से शामिल है।
अचल संपत्ति में बदलाव: वर्तमान में न्यायालयों से डिक्री प्राप्त करने के बाद पक्षकारों द्वारा खरीद-बिक्री के दस्तावेजीकरण नहीं कराया जाता। इससे सरकार को स्टांप शुल्क नहीं मिल पाता है। अब अचल संपत्ति के मौखिक लेन-देन के अभिलेख या घोषणा तथा अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री की सिविल या राजस्व न्यायालय द्वारा पारित डिक्री या अंतिम आदेश को शामिल कर लिया गया है। अब पक्षकार द्वारा दिखाई गई संपत्ति में से बड़ी संपत्ति के मार्केट वैल्यू पर स्टांप शुल्क लेने की योजना है। इसी तरह दान की संपत्ति पर पक्षकार द्वारा घोषित मूल्य पर स्टांप शुल्क के स्थान पर संपत्ति के मार्केट वैल्यू पर स्टांप शुल्क लेने की योजना है।
लीज व शेयरों का आवंटन : एक्ट में स्पष्ट प्रावधान न होने से लीज की लिखापढ़ी पर स्टांप नहीं लिए जा पा रहे हैं। अब आय व लाभ में भागीदारी वाले लीज इसके दायरे में आएंगे। ऐसे विलेखों पर स्टांप देयता पट्टाधीन संपत्ति के मार्केट वैल्यू के 0.1 प्रतिशत को पट्टा अवधि के छह महीने के गुणकों से गुणा कर तय होगी।
एक्सप्रेस-वे व हाइवे पर बने टोल प्लाजा भी आय या लाभ में भागीदारी के आधार पर विभिन्न कंपनियों को टोल वसूली के लिए पट्टे पर दिए जाते हैं। टोल प्लाजा भी इसके दायरे में आएंगे। टोल प्लाजा के पट्टों पर स्टांप शुल्क पूर्ववर्ती वर्षों में उस टोल प्लाजा के कुल संग्रह में 10 प्रतिशत बढ़ाकर तय किया जाएगा। इसी तरह शेयर के अंशों केआवंटन पत्र या अंशों के परित्याग पर वर्तमान में एक रुपये स्टांप शुल्क है। इसे एक रुपये प्रति 1000 या उसके भाग पर शेयरों के मूल्य पर तय होगा।
जमानती बांड या बंधक पत्र
वर्तमान में जमानती बांड पर अधिकतम 100 रुपये का स्टांप शुल्क है। अब विलेख पर प्रतिभूति के मूल्य पर 0.5 प्रतिशत व अधिकतम 5 लाख रुपये स्टांप शुल्क लेने का प्रस्ताव है।
धार्मिक संपत्ति के प्रबंधन : धार्मिक संपत्ति के व्यवस्थापन व प्रबंधन पर स्टांप शुल्क धनराशि या संपत्ति के मूल्य के अनुसार तय है। अब इसे संपत्ति के बाजार मूल्य पर तय करने की योजना है।
पट्टे का अंतरण : वर्तमान में ऐसे विलेख पर पक्षकारों द्वारा तय धनराशि पर हस्तांतरण की तरह स्टांप शुल्क लिया जाता है। अब संपत्ति की मार्केट वैल्यू पर करने का प्रस्ताव है। महानगरों में नजूल संपत्तियां अथवा प्राधिकरणों द्वारा अंतरित आवासीय, व्यावसायिक व औद्योगिक परिसंपत्तियां लोगों को पट्टाधिकारों के तहत प्राप्त होती हैं। ऐसी संपत्तियों का अंतरण व्यवहार में विक्रय के रूप में होता है। लेकिन ऐसी संपत्ति के वास्तविक मूल्य के अनुसार स्टांप शुल्क लेने में कठिनाई होती है।
कार्य संविदा : वर्तमान में ठेके संबंधी कार्यों पर 100 रुपये स्टांप लिया जाता है। अब महाराष्ट्र व गुजरात की तरह कार्य संविदा पर 10 लाख रुपये तक 1000 रुपये व उससे अधिक धनराशि पर 0.1 प्रतिशत व अधिकतम 25 लाख रुपये स्टांप देयता होगी।
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