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पॉजिटिव केसों की संख्या 50 हजार के करीब ...

80 फीसद से ज्यादा मरीज बिना लक्षण वाले हैं.

लखनऊ-: उत्तर प्रदेश में भी पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार में उछाल देखा जा रहा है। उधर, पांच साल तक राजधानी लखनऊ के सीएमओ रहे डा. एसएनएस यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार बहुत जल्दी से फिर से लॉकडाउन लगा देना चाहिए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अगर लॉकडाउन का कड़ाई से पालन नहीं हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश भी बन सकता है वुहान शहर।

 उत्तर प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 1986 नए मरीज मिले। यह एक दिन में मिले मरीजों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहले 16 जुलाई को रिकार्ड 2083 रोगी मिले थे। प्रदेश में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा 47,149 पहुंच गया है। कोरोना से बीते 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत हुई। अब तक 1108 लोगों की जान जा चुकी है। 28,664 लोग ठीक हो चुके हैं। यूपी में एक्टिव केस की संख्या 17,264 हैं।


उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, होम गार्ड मंत्री चेतन चौहान, आयुष मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उपेंद्र तिवारी और रघुराज सिंह के बाद अब प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमला रानी भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। उन्हें संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया है। मंत्री कमला रानी कानपुर के घाटमपुर से विधायक हैं। इनके साथ ही वरिष्ठ आइपीएस अफसर नवनीत सिकेरा कोरोना पॉजिटिव है। नवनीत सिकेरा को आनंदी वाटर पार्क कोविड सेंटर में भर्ती किया गया है।

यूपी में बढ़ी कैंटोनमेंट जोन की संख्या

उत्तर प्रदेश के सभी बड़े शहर कोरोना को लेकर के लगातार संख्या से परेशान हैं। मौजूदा वक्त में हालात इस तरह से खराब हो चुके हैं कि सूबे के एक दर्जन से ज्यादा शहरों में कैंटोनमेंट जोनों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है. राजधानी लखनऊ की बात करें तो शहर में 200 से ज्यादा कंटेनमेंट जोन की संख्या है। पिछले एक हफ्ते के भीतर लखनऊ में कोरोना का आंकड़ा 1000 से ज्यादा बढ़ गया है, वहीं राजधानी में कुल संख्या अब साढ़े 3 हजार पहुंचने वाली है।

पॉजिटिव केसों की संख्या 50 हजार के करीब

दरअसल, उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए आंकड़ों पर अगर ध्यान दें तो मौजूदा वक्त में पॉजिटिव केसों की संख्या 50 हजार के करीब पहुंचने वाली है। यूपी में तमाम कवायदों के बाद भी कोरोना संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के तमाम इलाकों में मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ा है। विशेषज्ञ पहले से भी कहते रहे हैं कि जुलाई और अगस्त का महीना स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे बड़ा चैलेंज वाला होगा। पिछले 15 दिनों के आंकड़ों को देखें तो लगातार केस तेजी से बढ़ रहे हैं।

हर शहर हर मोहल्ला उत्तर प्रदेश का वुहान बन जाएगा

उत्तर प्रदेश के सभी बड़े शहर जैसे लखनऊ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर ,मेरठ ,वाराणसी ,आगरा, गोरखपुर और कानपुर को देखें तो पता चलता है कि हालात बेकाबू होते हुए नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में नमूनों की ज्यादा जांच हो रही है ये बात सच है लेकिन विशेषज्ञ भविष्य की तरफ जब देखते हैं तो उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ तौर से दिखाई देती हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि हालात अभी बहुत ज्यादा खराब होने वाले हैं तमाम लोगों ने मिलकर के अगर इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढा तो वह दिन दूर नहीं जब हर शहर हर मोहल्ला उत्तर प्रदेश का वुहान बन जाएगा।

पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत

लखनऊ के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसएनएस यादव मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहते हैं कि " सरकार को पूर्ण लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाने की अब जरूरत है जिस तरह से केस बढ़ रहे हैं। इससे साफ तौर से माना जा सकता है कि जुलाई माह का आखरी और अगस्त के महीने में काफी बड़ा इंतिहान होने वाला है। अगर सख्त कदम का पालन नहीं कराया गया तो जमीन पर हालात काफी खराब हो जाएंगे।"

पूर्व सीएमओ कहते हैं कि पिछले एक महीने की आंकड़ों पर बात करते हुए वह कहते हैं कि " यही नहीं 80 फीसद से ज्यादा मरीज बिना लक्षण वाले हैं। बिना लक्षण वाले मरीजों को अब उनके निजी घरों में ही रखे जाने की जरूरत है। पूर्व सीएमओ ने कहा कि लगातार सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बिना लक्षण वाले मरीजों ने कब्जा जमा लिया है। जिससे पिछले कुछ दिनों में लगातार कोरोना के बढ़ते तादाद वाले मरीजों के इलाज में भी परेशानी आ रही है।"

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