यूपी में आज से पेट्रोल 2.33 रुपये व डीजल 98 पैसे हुआ महंगा.. ...
सरकार ने वापस ली कम की गई वैट दरें
सरकार ने दोनों वस्तुओं पर वैट बढ़ाया, कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन दी मंजूरी,10 महीने पहले वैट दर घटाने केफैसले को सरकार ने वापस लिया,वाणिज्यक कर ने बढ़ा हुआ वैट लागू करने का आदेश जारी किया। प्रदेश में महंगे पेट्रोल व डीजल से आम लोगों को निजात दिलाने के लिए पिछले साल वैट दर में की गई कमी को सरकार ने वापस लेते हुए पेट्रोल पर 2.33 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 98 पैसे प्रतिलीटर की दर से वैट बढ़ा दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश में अब पेट्रोल व डीजल क्रमश: 2.33 रुपये और 98 पैसा महंगा हो गया है।
वाणिज्यकर विभाग द्वारा वैट बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव को सोमवार को प्रदेश कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे ही है। इसके बाद विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। इससे विभाग के राजस्व में करीब 4000 करोड़ रुपये का इजाफा होने की संभावना है। बढ़ा हुआ दर आज (मंगलवार) से लागू हो गया है। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में ही दोनों वस्तुओं पर वैट दर को कम किया था।वाणिज्यकर विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक पेट्रोल पर अब 26.80 प्रतिशत या 16.74 रुपये में जो भी अधिक होगा, वह लगेगा। इसी तरह डीजल पर भी 17.48 प्रतिशत या 9.41 रुपये में जो भी अधिक होगा वह लगेगा। इससे पेट्रोल की कीमत में करीब 2.33 रुपये और डीजल की कीमत में करीब 98 पैसे प्रति लीटर की दर से वृद्धि होगी।
सरकार चलाने में सक्षम नहीं है भाजपा - अखिलेश यादव
बता दें कि, करीब 10 महीने पहले सरकार ने प्रदेश की जनता को महंगे पेट्रोल व डीजल से राहत देने के लिए दोनों वस्तुओं पर से वैट दर में क्रमश: 3.56 प्रतिशत व 3.48 प्रतिशत की कमी किया था। जिससे पट्रोल पर वैट दर घटकर 23.24 प्रतिशत और डीडल पर वैट दर घटकर 14 प्रतिशत हो गया था। इस वजह से उस समय पेट्रोल व डीजल की कीमत में करीब 2.50 रुपये की कमी आई थी। एक तरह से देखा जाए तो अब सरकार ने अक्तूबर में वैट दर में की गई कमी को वापस लेते हुए उतनी वृद्धि कर दी है, जितनी घटाई थी।
राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार ने फैसला पलटा
दरअसल सरकार का पिछले साल अक्तूबर में दोनों पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट दर को घटाने के पीछे सरकार का मानना था कि दाम कम होने से अगर कंजप्शन बढ़ेगा तो राजस्व में होने वाली कमी की भरपाई हो जाएगी।विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि वैट दर घटाने के बाद भी बीते 10 महीने में पेट्रोल व डीजल के कंजपप्शन में कोई खास वृद्धि नहीं हुई, इससे सरकारी खजाने को लगातार नुकसान हो हो रहा था। इसके मद्देनजर ही सरकार ने अपना फैसला पलटते हुए घटाये हुए वैट को पुन: बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि राजस्व को बढ़ाया जा सके।
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