सस्ते गल्ले के वितरण मे कोटेदारों की बंदरबाट कीजांच पूरी करे ...
आधार कार्ड के सत्यापन पर करोड़ों रुपए के सस्ते गल्ले के वितरण में घोटाले मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए एसटीएफ एसएसपी लखनऊ को घोटाले की छह महीने में जांच करने का आदेश दिया। मामले पर सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर तथा जस्टिस वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सहकारी सस्ता गल्ला वितरण यूनियन सरधना मेरठ की तरफ से दाखिल जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है। उत्तर प्रदेश में सस्ते गल्ले की वितरण प्रणाली को आधार कार्ड से लिंक कराया गया था जिससे फर्जी वितरण पर लगाम लगाई जा सके। लेकिन सत्यापन में घपला करके अधिकारियों की मिलीभगत से कोटेदारों ने जमकर बंदरबाट किया। कोटेदारों ने राशन का वितरण करने के बजाय उसे बाजार में महंगे दामों में बेच दिया था। राज्य सरकार ने घोटाले का खुलासा होते ही 27 अगस्त 2018 को शासनादेश जारी कर प्रदेश व्यापी खाद्यान्न घोटाले की जांच का आदेश दिया और 29 अगस्त 2018 के आदेश से मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी।
राशन घोटाला मामले में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एसटीएफ को कानून के तहत जांच कर कार्रवाई का भी आदेश दिया। है।घोटालेबाजों ने सस्ता-गल्ला वितरित करने की बजाय मंहगे दाम पर उसे खुले बाजार में बेच दिया जरूरतमंदों को अनाज नहीं दिया गया, जिसके खुलासे के बाद सरकार ने कड़ी कार्यवाही की। दुकानों के लाइसेंस निलंबित किए गए,अधिकारियों की संलिप्तता की जांच का आदेश दिया गया और घोटाले के आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
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