एक हादसे से तीन परिवारों में मातम ...
भाई से नहीं मिल पाई, चौथी में विदा होकर आई बहन
लखनऊ-कानपुर हाईवे पर रविवार तड़के हुए हादसे में तीन परिवारों में मातम छा गया। मृतक रजत शर्मा के पिता विजयपाल काफी देर तक गुमसुम बैठे रहे। बताया कि रजत दो भाइयों में छोटा था। उस पर ही परिवार की जिम्मेदारी थी। 16 फरवरी को उसकी बहन की शादी हुई थी। शनिवार को चौथी विदा कराने जाना था।
रजत ने लखनऊ में डीजे लगा होने की बात कही और पिता को रुपये देकर बहन को लिवाकर लाने की बात कही थी। बहन भी यह सोचकर बेहाल है कि वह शादी के बाद भाई से मिल भी नहीं पाई। कानपुर के रावतपुर के आनंदनगर निवासी मृतक रजत शर्मा पिछले डेढ़ साल से कानपुर के गोविंदनगर निवासी हरीश गुुुुरुवानी का डीजे सिस्टम लगाने का काम करता था।
जिस लोडर से डीजे लाने और ले जाने का काम होता था, रजत उसे चलाता भी था। रविवार तड़के चार बजे लोडर पलटने और उसे सीधा करने के दौरान डीसीएम की टक्कर से उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना जैसे ही घर पहुंची तो कोहराम मच गया। दोपहर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मृतक रजत के पिता विजयपाल उसका शव देख गश खाकर गिर गए और कुछ देर के लिए मानसिक संतुलन खो बैठे।
परिवार के लोगों के सहारा देने पर बुजुर्ग पिता ने खुद को संभालते हुए बताया कि रजत मेहनत करके जो भी कमाता था, उससे ही परिवार का गुजारा चलता था। बड़ा बेटा हरिओम दिल्ली में काम करता है। वह परिवार से अधिक मतलब नहीं रखता। 16 फरवरी 2020 को बेटी मिलन की शादी थी। रजत ने ही पाई-पाई जोड़कर इकट्ठा की गई रकम से बहन की शादी की थी। शनिवार रात वह बेटी मिलन की चौथी विदा कराकर घर लौटा था।
सुबह रजत के दोस्तों ने उसकी मौत की सूचना दी। बताया कि कानपुर के नवाबगंज में उसने बेटे रजत की शादी तय की थी। शादी से पहले ही वह दुनिया छोड़कर चला गया। कमाऊपूत की मौत से पिता विजयपाल, मां आशा देवी, बहन किरन समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक रजत के दोस्तों ने बताया कि उसकी तीन माह की लगभग 33 हजार रुपये पगार बाकी है।
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