यूपी में 12 से 15 फीसदी महंगी हुई बिजली, नई दरों का हुआ एलान ...
ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं को देना होगा 100 रुपये ज्यादा
उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है। बिजली 12 फीसदी तक महंगी हो गई है। शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली उपभोग के लिए 50-60 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। फिक्स चार्ज भी 10 रुपये प्रति किलोवाट बढ़ा दिया गया है। वहीं, अनमीटर्ड ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 25 फीसदी की वृद्धि की गई है।यही नहीं, किसानों, कॉमर्शियल व औद्योगिक उपभोक्ताओं पर भी बोझ बढ़ा है। अलबत्ता उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा 4.28 फीसदी रेगुलेटरी सरचार्ज पूरी तरह समाप्त कर थोड़ी राहत दी गई है। नोएडा पावर कंपनी लि. (एनपीसीएल) में भी रेगुलेटरी सरचार्ज खत्म कर दिया गया है। नई दरें 12 सितंबर से लागू होने की संभावना है।
राज्य विद्युत नियामक आयोग ने मंगलवार को सत्र 2019-20 का टैरिफ आर्डर जारी करते हुए नई दरों का एलान कर दिया। सभी श्रेणियों की दरों में कुल मिलाकर औसतन 11.69 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। पॉवर कॉर्पोरेशन ने दरों में 14 फीसदी की वृद्धि प्रस्तावित की थी। नियामक आयोग द्वारा 4.28 फीसदी रेगुलेटरी सरचार्ज खत्म कर दिए जाने के बाद दरों में प्रभावी बढ़ोतरी 7.41 प्रतिशत हो रही है।
आयोग ने दरें बढ़ाने के लिए दिया यह तर्क
आयोग का तर्क है कि रेलवे, लिफ्ट इरीगेशन जैसे तमाम बड़े उपभोक्ताओं के ओपेन एक्सेस में स्थानांतरित हो जाने, रूफटॉप सोलर, बिजली खरीद लागत में वृद्धि, बिजलीघरों का कम प्लांट लोड फैक्टर, प्रतिवर्ष कोयले की कीमतों तथा ढुलाई चार्ज में वृद्धि के चलते दरें बढ़ानी पड़ी हैं।आयोग के मुताबिक उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाने की लागत 7.35 रुपये प्रति यूनिट आ रही है। इसके एवज में औसत वसूली 6.42 रुपये प्रति यूनिट है। दरें बढ़ाने के बाद भी यह अंतर 93 पैसे का है। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा आपूर्ति के चले बहुत सस्ती बिजली देना संभव नहीं था।
ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं को देना होगा 100 रुपये ज्यादा
गांवों में घरेलू अनमीटर्ड उपभोक्ताओं को अब 400 रुपये के बजाय 500 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह के हिसाब से बिल का भुगतान करना पड़ेगा। आयोग के अनुसार मीटरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अनमीटर्ड की दरें ज्यादा बढ़ाई गई हैं।अनमीटर्ड किसानों को 150 के बजाय 170 रुपये प्रति हार्स पावर प्रतिमाह की दर से भुगतान करना पडे़गा।
फिक्स चार्ज के साथ दरें भी बढ़ीं
ग्रामीण क्षेत्रों के मीटर्ड उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज 80 से बढ़ाकर 90 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह तथा बिजली दर 3 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 3.35 रुपये प्रति यूनिट किया गया है। 100 यूनिट तक 3.35 की दर रहेगी। 100 यूनिट से ऊपर अलग-अलग स्लैब के लिए 3.85 से 6.00 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की गई है।मीटर्ड निजी नलकूप उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज 60 से बढ़ाकर 70 रुपये प्रति प्रति हार्सपावर प्रतिमाह तथा विद्युत मूल्य 1.75 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 2.00 रुपये प्रति यूनिट तय किया गया है। ग्रामीण व शहरी कामर्शियल बिजली के फिक्स चार्ज के साथ विद्युत मूल्य तक में वृद्धि की गई है।
शहरी उपभोक्ताओं को ज्यादा ढीली करनी होगी जेब
शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज 100 से बढ़ाकर 110 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह कर दिया गया है। न्यूनतम बिजली दर 4.90 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 5.50 रुपये कर दिया गया है।
कितनी वृद्धि (रुपया प्रति यूनिट)
उपभोग यूनिट--पहले--अब
100-150--4.90--5.50
151-300--5.40--6.00
301-500--6.20--6.50
500 से ऊपर--6.50--7.00
शहरी गरीबों की दरों में बदलाव नहीं
शहरों में गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लाइफ लाइन उपभोक्ताओं को पहले की तरह 100 यूनिट तक 3 रुपये यूनिट में ही बिजली मिलेगी। फिक्स चार्ज भी पहले की तरह 50 रुपये प्रति किलोवाट है।
कब कितनी बढ़ी बिजली दरें
2012-13--17.60 प्रतिशत
2013-14--6.58 प्रतिशत
2014-15--8.90 प्रतिशत
2015-16--5.47 प्रतिशत
2016-17--3.18 प्रतिशत
2017-18--12.73 प्रतिशत
2018-19--00 फीसदी
2019-20--11.69 प्रतिशत
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