राममंदिर निर्माण के नाम पर छाप रहे थे नकली रसीद ...
आरोपियों के पास से मिले सामान को देख पुलिस भी हैरान
श्री रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा वसूलने के लिए फर्जी रसीदें छपवाने का मामला सामने आया है। फर्जी रसीद के जरिए आरोपी धन वसूलने की तैयारी में थे। सूचना के आधार पर पुलिस ने रसीद छापने वाले प्रिटिंग प्रेस पर छापा मारा और मौके से प्रिंटर, सीपीयू, एलईडी आदि सामान बरामद कर लिया।
मामले में आरएसएस के पदाधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार, बुलंदशहर जिले के खुर्जा के मोहल्ला नीलकंठ निवासी आरएसएस के जिला कार्यवाह सरवन सिंह ने बृहस्पतिवार को कोतवाली पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि मोहल्ला मदार दरवाजा स्थित आरएच प्रिंटिंग प्रेस में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के समर्पण निधि की नकली रसीदें छापी जा रही है।
नकली रसीद छापे जाने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और छापेमारी करते हुए प्रिंटर, सीपीयू, एलईडी समेत भारी मात्रा में छपी हुई फर्जी रसीदें बरामद कर ली। पुलिस ने मौके से दो लोगों को हिरासत में ले लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान थाना खुर्जा देहात के एदलपुर धीमरी निवासी दीपक ठाकुर और बोहरावास निवासी राहुल के रूप में की गई है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह मदार दरवाजा निवासी इकलाख के प्रिंटिंग प्रेस पर फर्जी रसीदों को छपवाया था। इसके बाद इन रसीदों के जरिए दोनों राम जन्मभूमि निर्माण निधि के नाम पर वसूली करने की तैयारी में थे।
एसएसआई संदीप कुमार ने बताया कि रसीदों की संख्या 900 है। मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ फर्जीवाड़े की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर दो को जेल भेज दिया है, जबकि तीसरे आरोपी इकलाख की तलाश की जा रही है।
अवैध उगाही के लालच से उतरे गलत धंधे में
अयोध्या में राम जन्मभूमि निर्माण को लेकर रसीद देकर चंदा लेने का अभियान चलाया जा रहा है। मौका देखकर आरोपी दीपक और राहुल ने फर्जीवाड़ा कर पैसा कमाने के लिए यह रास्ता अपनाया। पुलिस की माने तो आरोपियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। लालच में आकर दोनों पहली बार गलत धंधे में उतर आए।
फर्जी रसीद काटने वालों से रहें सावधान
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सहमंत्री धर्म प्रसार ब्रूनो भूषण ने बताया कि फर्जी रसीद काटने वालों से सावधान रहने की जरूरत है। सही रसीद की पहचान के लिए उस पर सीरियल नंबर देखें। यह रसीद दस रुपये, सौ रुपये और 1000 हजार रुपये का होता है। इससे अधिक राशि के लिए ब्लैंक रसीद होती है। जिसमें चंदा देने वाला का सारा डाटा भरा जाता है। उसका बैंक एकाउंट, पैन कार्ड नंबर आदि दर्ज किया जाता है।
सूचना के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। एक अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
संतोष कुमार सिंह, एसएसपी
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