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स्टैंडर्ड क्वालिटी का तांबा मंदिर निर्माण में होगा इस्तेमाल ...

डेढ़ साल तक ट्रस्ट नहीं लेगा तांबे की पत्तियों का दान

अयोध्या-: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर का निर्माण युद्धस्तर पर शुरू होने जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए नक्शे के बीच में आ रहे मंदिर और राम चबूतरा को तोड़ने का कार्य राम जन्मभूमि परिसर में चल रहा है। इसके बाद नक्शे के अनुसार मंदिर की नींव की खुदाई की जाएगी।

स्टील या लोहे का मंदिर निर्माण में नहीं होगा इस्तेमाल

रामलला के मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को परिसर में पहुंचाने का काम भी अब जल्द ही शुरू होगा। आपको बता दें रामलला के मंदिर की मजबूती के लिए मंदिर निर्माण में स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। यही नहीं पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए सरकार की स्टैंडर्ड कंपनी का ही तांबा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दान में लेगा, जिससे की तांबे की गुणवत्ता बनी रहे।

10 हजार तांबे की पत्तियों का होना है इस्तेमालइस काम में लगभग 10 हजार तांबे की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाएगा। तांबे की पत्ती 3 मिलीमीटर मोटी होगी और 30 एमएम चौड़ी होगी। इन 18 इंच लंबी पत्तियों का उपयोग मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को जोड़ने में किया जाएगा।

विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने बताया कि पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए तांबे की पत्ती का इस्तेमाल किया जाएगा। अभी तांबे की पत्तियों की क्वालिटी वजन और उसके कास्ट का डिटेल होना बाकी है। तांबे की आयु अच्छी है इस लिहाज से तांबे का इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा। यह मंदिर 1000 वर्ष तक सुरक्षित रहेगा। इसकी मजबूती के लिए 200 फीट गहरी मंदिर की नींव रखी जाएगी।

सरकार की स्टैंडर्ड क्वालिटी का तांबा ही मंदिर निर्माण में होगा इस्तेमाल

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार तांबा की पत्तियों की आवश्यकता लगभग डेढ़ साल बाद होगी। अभी ट्रस्ट तांबे की पत्तियों का दान नहीं लेगा। साथ ही तांबे की छड़ का इस्तेमाल भी नहीं किया जाएगा। सरकार की स्टैंडर्ड क्वालिटी का तांबा ट्रस्ट मंदिर निर्माण में इस्तेमाल करेगा। उन्होंने बताया कि तांबे की पत्तियों की ढलाई का काम भी अयोध्या में नहीं होगा। तांबे की पत्तियों को लोग अलग-अलग दान करेंगे तो उसकी क्वालिटी में अंतर आ जाएगा इसलिए सरकार से तांबे की पत्तियां ली जाएंगी, जिससे की एक क्वालिटी बनी रहे।

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