अयोध्या से चुनाव लड़ना, देना फ़ायर ब्रांड हिंदुत्व का संदेश ...
गोरखनाथ पीठ का राम मंदिर आंदोलन से नाता
यूपी- राम मंदिर आंदोलन से जुड़े अयोध्या के फायर ब्रांड संत एवं बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने भी कहा था कि सीएम योगी के गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं। महंत दिग्विजय नाथ ने राम लला को जन्म भूमि पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई तो महंत अवेद्यनाथ ने राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व किया था।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। टिकटों को लेकर सभी पार्टियों में मंथन चल रहा है तो वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के मथुरा के बाद अब अयोध्या से चुनाव लड़ने की चर्चा है। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामजन्मभूमि अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि पार्टी के नेताओं का मानना है कि सीएम योगी के अयोध्या सीट से चुनाव लड़ने से पूरे देश में हिंदुत्व का संदेश जाएगा।
मथुरा के बाद अयोध्या से चुनाव लड़ने की चर्चा
2017 में पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद हिंदूवादी नेता एवं गोरखपुर सीट से लोकसभा सांसद योगी आदित्यनाथ को सूबे का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इस बार का विधानसभा चुनाव बीजेपी योगी सरकार के कार्यकाल में हुए कामों और पीएम मोदी की योजनाओं को लेकर मोदी-योगी के नेतृत्व में लड़ने जा रही है, इस बात को बीजेपी के कई बड़े नेता कह भी चुके हैं। वहीं, सीएम योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के साथ ही उनके चुनावी मैदान में उतरने के कयास भी लगाए जा रहे हैं। इसी को लेकर पहले मथुरा और अब अयोध्या से चुनाव लड़ने की खबरें आ रही हैं।
योगी के चुनाव लड़ने पर कई सीटों पर पड़ेगा असर
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े अयोध्या के फायर ब्रांड संत एवं बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने भी कहा था कि सीएम योगी के गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं। महंत दिग्विजय नाथ ने राम लला को जन्म भूमि पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई तो महंत अवेद्यनाथ ने राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व किया था।
उन्होंने कहा कि सीएम योगी के कार्यकाल में राम मंदिर का भव्य निर्माण तेजी से चल रहा है। अयोध्या के प्रति सीएम का प्रेम ही है कि वे अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में ढाई दर्जन से ज्यादा बार अयोध्या पहुंचे। इससे उनके यहां से चुनाव लड़ने से एक दर्जन जिलों में बीजेपी और मजबूती से चुनाव लड़ेगी।
अंतिम निर्णय बीजेपी आलाकमान लेगा
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर 7 चरणों में मतदान होना है। तारीखों के ऐलान होने के बाद बीजेपी में टिकट को लेकर बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। सोमवार को लखनऊ में हुई बीजेपी की 24 सदस्यीय चुनाव समिति की बैठक के बाद तैयार हुई उम्मीदवारों की लिस्ट पर दिल्ली में बड़ा मंथन चल रहा है। इस बैठक में बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद हैं। इसमें सीएम योगी, डेप्युटी सीएम केशव मौर्य, डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत कई नेता मौजूद रहे। जानकारी के मुताबिक, जल्द ही बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है, जिसके बाद बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होगी। इस लिस्ट में पहले चरण की 58 सीटों के उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को किया। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोट पड़ेंगे। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। यूपी में सात चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा।
10 फरवरी को पहले चरण में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवे चरण में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल 15 मई तक है।
17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया। अखिलेश यादव की अगुवाई में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती की बीएसपी 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच माना जा रहा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।
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