कोरोना से अटके अरबों के प्रोजेक्ट ...
प्रोजेक्टों पर ग्रहण
उन्नाव। कोरोना ने अरबों के निर्माण संबंधी सरकारी प्रोजेक्टों पर ग्रहण लगा दिया है। इससे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू ही नहीं हो सकी। वहीं, गंगा एक्सप्रेस वे और लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे की शुरुआती रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया है। ऐसे में जनता का सुहाने सफर के लिए इंतजार लंबा हो गया है।
प्रोजेक्ट-1
120 किमी लंबे 14 मार्गों का निर्माण प्रस्तावित है जिले में
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत जिले में 14 मार्गों का निर्माण होना है। इन मार्गों की कुल लंबाई 120 किलोमीटर है। लगभग 100 करोड़ की लागत की इन नई सड़कों का निर्माण कोरोना संक्रमणकाल के पहले शुरू होना था। विभाग ने तैयारियां कर ली थीं। मंजूरी मिलने और काम शुरू होने से पहले ही कोरोना का कहर शुरू हो गया। बड़ी बात यह रही कि नई दिल्ली में जहां पीएमजीएसवाई का दफ्तर है वह हॉटस्पॉट एरिया में आ गया था। वहां अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की नोएंट्री हो गई। इससे काम शुरू होने से पहले ही झटका लग गया। अधिशासी अभियंता वीपी राजपूत ने बताया कि जिले में पीएमजीएसवाई से 14 नई सड़कों का निर्माण होना है। नई दिल्ली में कार्यालय खुलने के बाद निर्माण कार्य की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद सड़कों का निर्माण शुरू कराया जाएगा।
प्रोजेक्ट-2
कम समय में मेरठ से प्रयागराज जाने का सपना अभी अधूरा
योगी सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस वे मेरठ से प्रयागराज के बीच बनेगा। यह 596 किलोमीटर लंबा होगा। एक्सप्रेस वे जनपद के रास्ते होते हुए रायबरेली, प्रतापगढ़ होकर प्रयागराज जाएगा। इसका निर्माण मेरठ से शुरू होना है जो विभिन्न जिलों में होते हुए हरदोई आएगा। फिर हरदोई से जिले की सफीपुर तहसील के 85 गांवों को छुएगा। इसके बाद हसनगंज तहसील के 14 गांव (अजगैन आदि क्षेत्र) को छूते हुए पुरवा तहसील पहुंचेगा। पुरवा के 58 गांवों से होते हुए बीघापुर तहसील क्षेत्र में प्रवेश करेगा। इस तहसील के 25 गांवों को छूते हुए सीधे रायबरेली जाएगा। कोरोना संक्रमणकाल से पहले यूपीडा की ओर से नियुक्त एजेंसी ने एलाइनमेंट (रेखांकन) शुरू किया था। जिससे जल्द ही एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू होने की उम्मीद थी लेकिन कोरोना के चलते काम बंद हुआ तो एजेंसी के कर्मचारी घर लौट गए। फिलहाल एक्सप्रेस वे अभी दूर की कौड़ी है।
प्रोजेक्ट-3
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे के भूमि अधिग्रहण पर ब्रेक
कानपुर-लखनऊ हाईवे पर जाम से निजात दिलाने के लिए प्रस्तावित करीब 63 किमी लंबा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण भी कोरोना की भेंट चढ़ गया। लॉकडाउन के कारण अधिग्रहण का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है। इसमें अमौसी से बनी तक करीब 13 किमी रोड एलिवेटेड होगी। एक्सप्रेस वे उन्नाव के 31 गांवों से होकर गुजरेगा। इससे जाम से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। प्रभारी भूमि अध्यापित अधिकारी आत्मप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि अनलॉक-1 में काफी काम शुरू करने की छूट मिली है। जल्द ही एक्सप्रेस वे निर्माण से संबंधित रेखांकन, भूमि अधिग्रहण आदि प्रक्रिया शुरू की जाएगी।