छूना मना है ताजमहल, गंदा होने से बचाने के लिए जारी किया गया ...
ताजमहल को लेकर एक नया फरमान ज़ारी हुआ है। फरमान के मुताबिक ताजमहल को छूना मना है इसके तहत पर्यटकों और ताजमहल के बीच दूरी बनाई जा रही है अगर आप ताजमहल को छूते हैं और बार-बार मना करने के बाद भी नहीं मानते हैं तो कार्रवाई भी की जा सकती है। यह आदेश ताजमहल को गंदा होने से बचाने के लिए जारी किया गया है। कई साल से ताजमहल को गंदगी और पीलेपन से बचाने के लिए मडपैक थैरेपी (मुल्तानी मिट्टी) सहित और दूसरी चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है।आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) आगरा की साइंस विंग पर इस काम की जिम्मेदारी है। हाल ही में ताजमहल के पत्थर को साफ रखने के लिए स्टीम बॉथ भी दिया गया था। बावजूद इसके ज़मीन से 6 फुट की ऊंचाई तक ताजमहल की दीवारें गंदी नज़र आ रही हैं। ऊपर का हिस्सा साफ और नीचे का गंदा होने की वजह से ताजमहल बदरंग नज़र आता है।
ताजमहल के संरक्षण सहायक अंकित नामदेव ने बताया, 'ज्यादातर पर्यटक जाने-अनजाने ताज की दीवारों को छूते हुए चलते हैं। कई बार तो गाइड भी पर्यटकों को ताज के बारे में बताते हुए बार-बार ताज की दीवारों को छूते हैं उनके ऐसा करने से पर्यटक भी छूने लगते हैं। ऐसा खासतौर से ताज के मुख्य गुंबद वाले हिस्से में होता है ताज की दीवारों के किनारे-किनारे दो से ढाई फुट की दूरी पर स्टील की रैलिंग लगाई जा रही है। जिससे ताज की दीवारों और पर्यटकों के बीच में एक दूरी बनी रहेगी और वह अपने हाथ के मैल और पसीने से उन्हें गंदा नहीं कर सकेंगे। मुख्य गुंबद के अंदर वाले हिस्से में भी ये कार्रवाई की जा रही है। दूसरे वहां तैनात कर्मचारी भी पर्यटकों पर निगाह रख रहे हैं। बता दें कि प्रदूषण और कई अन्य कारणों के चलते ताज महल की सुंदरता पर दाग लग रहा है। सफेद संगमरमर का पत्थर प्रदूषण के चलते बदरंग हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सरकार सहित इसकी देखभाल करने वाली एजेंसियों को समय समय पर कदम उठाने को कहता रहा है।
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