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अयोध्या मामले की सुनवाई का आखिरी दौर ...

 मुस्लिम पक्ष अपनी दलील करेगा पूरी 

दशकों पुराने अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अंतिम घड़ी आ गई है। दशहरा के सप्ताह भर के अवकाश के बाद सोमवार को संविधान पीठ 38वें दिन इस मामले की सुनवाई करेगी। इस मामले की सुनवाई के लिए यह आखिरी हफ्ता होगा। धार्मिक रूप से संवेदनशील इस मामले की सुनवाई के लिए 17 अक्तूबर अंतिम तिथि तय की गई है। इसके करीब एक महीने बाद 17 नवंबर तक इस पर फैसला सुनाए जाने की उम्मीद लगाई जा रही है। इसी दिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 

सीजेआई गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस जटिल मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया के नाकाम रहने के बाद छह अगस्त से मामले की प्रतिदिन सुनवाई शुरू की थी। पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं। पीठ ने इस मामले की सुनवाई पूरी करने की समय सीमा की समीक्षा की थी और इसके लिए पहले 18 अक्तूबर की सीमा तय की थी, लेकिन बाद में इसे एक दिन घटाकर 17 अक्तूबर कर दिया था।

 पीठ ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम तय करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्तूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेगा। इसके बाद हिंदू पक्षकारों को अपना प्रत्युत्तर पूरा करने के लिए 16 अक्तूबर तक दो दिन का समय दिया जाएगा। 17 अक्तूबर को सभी पक्ष अपनी मांग के पक्ष में आखिरी दलील पेश करेंगे।  

अयोध्या में धारा 144 लागू

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आईपीसी की धारा-144 लागू की गई है। अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा कि जिले में धारा-144 दस दिसंबर तक के लिए लागू की गई है। यह फैसला आने वाले त्योहारों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार इस कदम के पीछे एक अहम कारण अयोध्या भूमि विवाद को लेकर आने वाला फैसला भी है। 

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