मज़दूरों द्वारा अधिकारियों पर फ़रियाद अनसुनी करने का आरोप ...
खुद जांच कराने पहुंचे 30 लोग
उन्नाव: - जनपद उन्नाव से कोरोना संक्रमण के समय अधिकारियों द्वारा की गई चूक या लापरवाही का मामला सामने आया है, जहाँ विकासखंड सिकंदरपुर सरोसी क्षेत्र के गुलाबखेड़ा गांव में छोटे से कमरे में करीब मुंबई से लौटे 30 लोगों को होम क्वारंटीन किया गया था।
तीन दिन तक किसी अधिकारी ने मजदूरों की सुध नहीं ली। जिससे मायूस होकर स्वयं अपने स्वास्थ्य की जांच कराने जिला अस्पताल गए। ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत बंदाखेड़ा के मजरा गुलाबखेड़ा, धौकलखेड़ा व धत्ताखेड़ा गांव के मजदूर मुंबई के समुद्र में मछली पकड़ने का काम करते थे।
16 मई की रात ट्रेन से करीब 40 लोग उन्नाव पहुंचे। उन्नाव से बस द्वारा रऊकरना उतरकर पांच किमी पैदल गांव आए, जिसमें कुछ लोग होम क्वारंटीन में अपने घर चले गए। मजदूरों ने बताया कि एक छोटे कमरे में 25 से 30 लोगों को ठहरा दिया गया, जहां न रोशनी है न खाने और सोने के लिए बिस्तर। छाया न होने के कारण गर्मी से परेशान मजदूर घर से चारपाई मंगा कर पेड़ों की छांव के नीचे लेटने को मजबूर हैं।
तीन दिन तक विभाग द्वारा स्वास्थ्य जांच व अन्य व्यवस्थाओं का इंतजार किया गया लेकिन जब कोई सुविधा नहीं मिली तो स्वयं मजदूरों ने चंदा कर लोडर किया और जांच कराने जिला अस्पताल पहुंचे। जहां पर डाक्टरों ने नाम पता व कहां पर मजदूरी करते थे कैसे वहां से आए थे आदि बिंदुओं पर पूछताछ कर 14 दिन क्वारंटीन में रहने की हिदायत देकर वापस भेज दिया।
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