प्रयागराज से कई सरकारी दफ्तरों को लखनऊ स्थानांतरण का विरोध.. ...
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित शिक्षा सेवा अभिकरण को लखनऊ स्थापित करने के विरोध में हाईकोर्ट कार एसोसिएशन के आह्वन पर बुलाए गए प्रयागराज बंद को अधिवक्ताओं के संगठन और शहर के लोगों का समर्थन मिला। लम्बे समय बाद एशिया के सबसे बड़े हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से बंद का आह्वान किया गया। वकीलों के बंद का असर प्रयागराज में साफ देखने को मिला। हाईकोर्ट के साथ ही लोअर कोर्ट के वकील भी न्यायिक कार्य से विरत रहे। बीते कई दिनों से चल रहे अनशन और आंदोलन के बाद हजारों वकीलों का आक्रोश सड़कों पर दिखा। बंद का ज़बरदस्त असर दफ्तरों सहित अन्य हिस्सों में देखने को मिला।
हालांकि कहीं से किसी तरह की हिंसा की कोई बात सामने नहीं आई। शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी बंद का ज़बरदस्त असर देखने को मिला। वकील व दूसरे संगठनों के लोग सड़कों पर उतरकर जगह-जगह प्रदर्शन किया किसी अप्रिय घटना को रोकने व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और पीएसी के साथ ही पैरा मिलिट्री फ़ोर्स से आरएएफ व आईटीबीपी के जवानों की तैनाती की गई ।
वकीलों ने किया बंद का आह्वान
बंद का आह्वान इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने शिक्षा सेवा अधिकरण को प्रयागराज के बजाय लखनऊ में खोलने के प्रस्ताव के विरोध में किया। सियासी पार्टियों और दूसरे संगठनों ने इस बंद को समर्थन दिया और इसमें पूरी तरह शामिल हुए।
प्रभावित होगा विकास
प्रयागराज से पुलिस हेडक्वार्टर, शिक्षा विभाग के मुख्यालय और आबकारी मुख्यालय व दूसरे महत्वपूर्ण दफ्तरों को अब धीरे-धीरे लखनऊ शिफ्ट किया जा रहा है। यहां के लोगों का मानना है यह प्रयागराज के खिलाफ सियासी साजिश है। क्योंकि हाईकोर्ट का बंटवारा होने और तमाम महत्वपूर्ण दफ्तर लखनऊ शिफ्ट होने की वजह से यहां का रोज़गार और पर्यटन प्रभावित होगा। यहां का विकास प्रभावित होगा. वकील और दूसरे संगठनों के लोग दोपहर को सुभाष चौक पर सभा की।
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