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पिस्टल सप्लायर यूसुफ का पिता भी हिस्ट्रीशीटर व सजायाफ्ता ...

एक व्यक्ति की थी काटकर निर्मम हत्या

कमलेश तिवारी हत्याकांड का पिस्टल सप्लायर जरायम की दुनिया में पला हुआ है। यहां का पूरा गैंग सूरत में सक्रिय है। यूसुफ का पिता थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके मामा जिले के कुछ अन्य साथियों के साथ बड़ा गैंग सूरत में चलाते रहे। उनके बीच गैंगवार से दरार पड़ी थी।

फतेहपुर हथगाम थाने के मोहबलीपुर का मूल निवासी यूसुफ दस साल की उम्र में चारों मामा के साथ सूरत चला गया था। युसूफ का पिता इशरत हिस्ट्रीशीटर है। उस पर गैंगवार और हत्या के मामले दर्ज हैं। रायबरेली के ऊंचाहार में डकैती के दौरान एक व्यक्ति की काटकर निर्मम हत्या कर दी थी। उसमें सजायाफ्ता हुआ था। यूसुफ की मां शमीम बेगम डकैती का माल लेकर रायपुर मुआरी आ गई थी। जिसके बाद इशरत पत्नी को अक्सर प्रताड़ित करता था। परेशान होकर जहर खाकर जान दे दी थी। इशरत ने दूसरी शादी कर ली थी। कानपुर, फतेहपुर और रायबरेली से अपराधिक मामले होने पर पुलिस ने इशरत को हिस्ट्रीशीटर घोषित किया था। यूसुफ बचपन से ही ननिहाल में रहने लगा था। पुलिस के मुताबिक वह स्कूल में छेड़खानी और मारपीट की अक्सर घटनाएं करता था।

मामा सफदर, राजा, जफर अली, गुजरात के सूरत में गैंग चलाते हैं। इनके उर्फ नाम दरोगा और सिपाही लिए जाते हैं। रंगदारी, दादागिरी का काम है। खागा के पौली गांव के हासिम और सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के मवई गांव का टाइगर भी इसके साथी थे। सूरत में इनके बीच लूटपाट के माल को लेकर विवाद हुआ था। तभी टाइगर ने सूरत के उधना स्टेशन पर यूसुफ के ऊपर गोली चलाई थी।

गोली इसके दाहिने हाथ में लगी थी।  लेनदेन के बाद समझौता हुआ था। गुजरात में सफदर घी के डिब्बे में असलहा तस्करी करते पकड़ा गया था। पुलिस सूत्रों के मुुताबिक नरौली, अल्लीपुर, चौकी, शाहपुर की चोरियों में गैंग था। एक बाइक चोरी में पकड़े मामा जफर अली ने कबूली थी। यूसुफ को कई घटनाओं में साथ होना कबूला था। यूसुफ की नानी का भाई शाबिर शातिर माना जाता है। साबिर का बेटा शाहजाद और साथी बाजीगर के साथ पकड़ा गया था। यह लोग अक्सर सूरत पुलिस की सख्ती पर शहर और आसपास के जिलों में आते जाते हैं। घटनाएं कर भाग जाते हैं। थानेदार एके मिश्रा ने बताया कि यूसुफ के पिता भी हथगाम थाने से हिस्ट्रीशीटर हैं।

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