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छीने कंबल, महिलाओं को हटाने के लिए पुलिस ने शौचालय में डाला  ...

नागरिकता कानून प्रदर्शन ....

दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटा घर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं की संख्या रविवार को दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ती जा रही है। शुक्रवार रात को शुरू हुआ प्रदर्शन 70 घंटे बाद भी जारी है। कड़ी ठंड और ओस भी उनका हौसला नहीं तोड़ पा रही है।
वहीं, महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें प्रदर्शन से हटाने के लिए तरह-तरह से परेशान कर रही है। पुलिस ने महिला शौचालय पर ताला डाल दिया और उनके कंबल तक छीन लिए साथ ही ठंड से बचने के लिए जलाए गए अलाव पर भी पानी डाल दिया। अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी हैं। महिलाओं का कहना है कि टेंट आदि की व्यवस्था कर रहे कुछ पुरुषों को भी हिरासत में लिया गया है जबकि पुलिस इन आरोपों को निराधार बता रही है।

धारा 144 लागू: पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने प्रदर्शन के चलते शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका में कमिश्नरी क्षेत्र में धारा 144 भी लगा दी है।

नागरिकता कानून के समर्थक भी धरने पर पहुंचे

सरकार से नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने की मांग कर रहीं ये महिलाएं अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं। वहीं, शनिवार को कुछ लोग कानून के पक्ष में भी घंटाघर पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने वापस कर दिया गया। यहां ठाकुरगंज, चौक, तालकटोरा, हसनगंज और विकास नगर समेत कई थानों की पुलिस मौजूद रही।

महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनका सहयोग करने वाले पुरुषों को रोका गया, कुछ को हिरासत में भी लिया गया। महिलाएं शुक्रवार को रातभर कोहरे और ठंड के बीच धरने पर बैठी रहीं। रात में महिलाओं की संख्या कम थी, लेकिन सुबह होते ही फि र से भीड़ जमा होने लगी। सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। शुक्रवार रात और शनिवार को भी इन्होंने प्रदर्शनकारी महिलाओं की अगुवाई की। कैंडल जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया और संविधान बचाने की शपथ ली। उनका कहना है कि जब महिलाओं को वोट देने का हक है तो वे सरकार से सवाल करने का भी अधिकार रखती हैं।

'अगर जबरदस्ती हटाया गया तो महिलाएं जेल भरो आंदोलन करेंगी'

प्रदर्शन के समर्थन में शायर मुनव्वर राना की बेटी संविधान बचाओ देश बचाओ की कन्वीनर सुमैया राना व उनकी पत्नी राइना राना भी खड़ी दिखीं। फौजिया राना, पूजा व निशा ने भी प्रदर्शन का समर्थन किया। कहा कि यह प्रदर्शन अब रुकेगा नहीं। अगर जबरदस्ती हटाया गया तो महिलाएं जेल भरो आंदोलन करेंगी। उधर, शनिवार को सीएए के समर्थन में भी एक गुट घंटाघर पहुंचा और महिलाओं को प्रदर्शन बंद करने की सलाह देने लगा। समर्थन में आए लोगों को महिलाओं ने वापस करते हुए प्रदर्शन तेज कर दिया। वहीं पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए समर्थकों को वापस किया।

जुमे की नमाज के बाद से जुटी महिलाएं

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में महिलाएं शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शाम चार बजे से घंटाघर पर जुटी हैं।  इनके साथ बच्चे भी हैं। हाथों में पोस्टर लिए महिलाएं सीधे तौर पर सरकार से सीएए कानून वापस लेने की मांग कर रही हैं। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने डीएम अभिषेक प्रकाश को ज्ञापन देकर सहयोग करने और उनकी आवाज को न दबाने की अपील की है।

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