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छात्रसंघ चुनाव से की थी श्री सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत, ...

स्वतंत्र देव सिंह को मिली यूपी भाजपा की कमान, जानिए इनका राजनीतिक सफरनामा

यूपी के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को भाजपा ने एक अहम जिम्मेदारी दी है।मंगलवार को स्वतंत्र देव सिंह को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया।इसकी विधिवत घोषणा प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सुरभि होटल में भाजपा की ओर से आयोजित अभ्यास वर्ग (ट्रेनिंग कैंप) में हुई।मिर्जापुर के सीखड़ ब्लॉक के जमालपुर गांव के निवासी स्वतंत्र देव सिंह को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बना कर भाजपा ने एक बार फिर पूर्वांचल को प्रमुखता दी है।इससे पहले पूर्वांचल से ही डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय प्रदेश अध्यक्ष थे।इनकी शादी झांसी जनपद के सिगार गांव में हुई थी। स्वतंत्र देव सिंह ने बुंदेलखंड के जालौन को कर्मभूमि बनाया। 

स्वतंत्र देव सिंह का राजनीतिक सफरनामा..

स्वतंत्र देव सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत छात्रसंघ चुनाव से की थी।स्वतंत्र देव सिंह ने जालौन के उरई स्थित डीवीसी कॉलेज से छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था,लेकिन हार गए। इसके बाद 1986 में आरएसएस से जुड़कर स्वयंसेवक के रूप में प्रचारक के तौर पर काम करना शुरू किया।1988-89 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में संगठन मंत्री के रूप में काम किया।1991 में भाजपा कानपुर के युवा शाखा के मोर्चा प्रभारी बने।1994 में बुन्देलखंड के युवा मोर्चा के प्रभारी के रूप में राजनीति में आए।

 1996 में स्वतंत्र देव सिंह युवा मोर्चा के महामंत्री नियुक्त हुए।1998 में दोबारा भाजपा प्रदेश युवा मोर्चा के महामंत्री बनाए गए। 2001 में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने। 2004 में स्वतंत्र देव सिंह बुंदेलखंड से झांसी-जालौन-ललितपुर विधान परिषद के सदस्य चुने गए और प्रदेश महामंत्री भी बनाए गए।स्वतंत्र देव सिंह 2004 से 2014 तक दो बार प्रदेश महामंत्री रहे। इससे पहले 2010 में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए और 2012 में फिर महामंत्री बने। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा से स्वतंत्र देव सिंह ने उरई की कालपी सीट से चुनाव लड़ा था।यहां कांग्रेस की प्रत्याशी उमा कांति के सामने स्वतंत्र देव सिंह की जमानत जब्त हो गई थी।इसके बाद भी उन्हें भाजपा ने एमएलसी बनाया।

स्वतंत्र देव सिंह ने महामंत्री के पद पर रहते हुए 2017 में भाजपा को बुंदेलखंड क्षेत्र में जीत दिलाई। 2013 में इनको पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था।इसके बाद स्वतंत्र देव सिंह को 2014 में प्रदेश भाजपा सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया गया।इसमें प्रदेश भर से एक करोड़ से ज्यादा नए सदस्य बना कर स्वतंत्र देव ने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया था।स्वतंत्र देव ने 2002 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय भाजपा युवा मोर्चा अधिवेशन आयोजित कराया था। अपने नेतृत्व में उन्होंने भाजपा की सीमा जागरण यात्रा (सहारनपुर से पीलीभीत बॉर्डर, गोरखपुर से बिहार तक) कराई थी।इसके साथ ही केंद्रीय जल संसाधन विकास मंत्री उमा भारती की गंगा यात्रा में गढ़मुक्तेश्वर (मुरादाबाद) से बलिया तक प्रमुख प्रभारी रहे।

इससे पहले 2009 में वह भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की रैली के प्रमुख कर्ताधर्ता थे।बता दें कि स्वतंत्र देव सिंह कभी पत्रकारिता भी किया करते थे। छात्र राजनीति के बीच वह 1989-90 में स्वतंत्र भारत अखबार से जुड़े थे।बुंदेलखंड के उरई जिले में वह इस अखबार के संवाददाता के तौर पर काम करते थे, लेकिन पत्रकार के तौर पर वह सफल नहीं हुए।

 2014 में हुए आम चुनाव स्वतंत्र देव के लिए महत्वपूर्ण रहा।भाजपा ने उत्तर प्रदेश में होने वाली रैलियों के आयोजन की कमान उन्हें दी।यहीं से वह पीएम मोदी और अमित शाह के करीब आए।बुंदेलखंड में मजबूत पकड़ के चलते 2019 में अधिकतर सीटों पर टिकट उनकी सलाह पर ही दिए गए। भाजपा ने यहां से सभी 19 सीटें जीती तो उनका कद और बढ़ गया।वहीं, भाजपा को जानने वाले लोग यह मान रहे हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के अपना दल (एस) के कुर्मी वोटों में सेंध लगाने के लिए स्वतंत्र देव सिंह को भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

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