नेता अपना एजेंडा पुलिस प्रशासन के कंधे पर रखकर आगे न बढ़ाएं ...
किसी भी पुलिस अफसर को इस प्रकार की भाषा और बयान से बचना चाहिए : पूर्व डीजीपी सुलखान
यूपी के पूर्व डीजीपी और पुलिस सुधार आयोग के मौजूदा अध्यक्ष सुलखान सिंह ने कहा है कि राजनीतिक दल अपना एजेंडा पुलिस और प्रशासन के कंधे पर रखकर आगे न बढ़ाएं। सुलखान सिंह ने सेवानिवृत्त आईजी विजय शंकर सिंह की टिप्पणी से सहमति जताते हुए सोशल मीडिया पर इसे पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि पुलिस अधिकारी उच्च प्रशिक्षित होते हैं, उन्हें प्रशिक्षित प्रतिक्रिया ही करनी चाहिए। इस प्रकरण पर विजय शंकर ने एक व्हाट्सएप ग्रुप पर लिखा था कि एसपी सिटी का कथन आपत्तिजनक है और इस पर कार्रवाई भी हो सकती है।
पुलिस के ऐसे काम जो विधिसम्मत नहीं हैं, की अनावश्यक शाबाशी व वाहवाही करके उक्त अधिकारी के लिए समस्या पैदा न करें। यह विवाद जैसे ही व्यापक होकर प्रचारित होगा तो सबसे पहले एसपी सिटी की ही गर्दन नपेगी। सरकार और डीजीपी चाहकर भी उनका बहुत बचाव नहीं कर पाएंगे।
भाषा और बयान से बचना चाहिए
भीड़ ने पाकिस्तान जिंदाबाद कहा हो तो भी और न कहा हो तो भी, किसी भी पुलिस अफसर को इस प्रकार की भाषा और बयान से बचना चाहिए। हम पुलिसजनों को ऐसी ही परिस्थितियों को झेलने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। हम कोई गिरोह नहीं हैं।
जनता की तरह भीड़ और भावनाओं में बह जाने की अपेक्षा हमसे न तो विभाग करता है और न ही सरकार न ही कानून और न ही खुद जनता। पाकिस्तान से अगर नफरत है तो उसे कब्जा कर लीजिए। तोड़ दीजिए। कुछ नेता व मंत्री तो 2014 के बाद से ही जब जिसे चाहते हैं, उसे पाकिस्तान भेज ही रहे हैं। यह बयान जहां नेताओं के लिए राजनीतिक लाभ और कुछ के लिए संतोष देगा, वहीं हम पुलिसजन के लिए आपत्तिजनक माना जाएगा।
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