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मासूम की सांसों का गला घोटने वाले दरिंदे अब भी आजाद घूम रहे. ...

SHO और SSP पर DGP ओपी सिंह की कृपा क्यों ?

आगरा में हुए संजलि हत्याकांड मामले में अबतक किसी भी पुलिस अधिकारी पर न तो कार्रवाई की गई है और न ही किसी की जवाबदेही तय हुई है। आगरा एसएसपी अमित पाठक की निष्क्रियता ऐसी है कि अब तक मालपुरा थाने के एसएचओ पर भी कार्रवाई नहीं,कार्रवाई तो छोड़िए अबतक पूछताछ की भी जहमत किसी ने नहीं उठाई है। घटना के तुरंत बाद जिले की आठ पुलिस टीमों को लगा दिया गया था ।आखिर क्या वजह है कि एसएचओ पर कार्रवाई नहीं हो रही है? क्या किसी संगठन के दबाव में कप्तान अमित पाठक काम कर रहे हैं या फिर खुद डीजीपी ओपी सिंह की कृपा अमित पाठक और एसएचओ मालपुरा पर बरस रही है। 

इस पूरे मामले में जिस तरह से पीड़ित परिवार के प्रति पुलिस का रवैया रहा है उससे साफ जाहिर होता है कि, पुलिस बिना किसी संरक्षण के वहां पर काम नहीं कर रही है। पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों को हिरासत में लेना, मृतक संजलि का जबरदस्ती अंतिम संस्कार करवाने को लेकर उंगली पुलिस की तरफ कहीं न कहीं जरुर उठ रही है। इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद भी आरोपियों तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है। एक मासूम की सांसों का गला घोटने वाले दरिंदे अब भी आजाद घूम रहे हैं और पुलिस का दम आरोपियों की गिरप्तारी से पहले ही घुटता हुआ नजर आ रहा है। एक छोटा सा गुड वर्क करने पर हो हल्ला मचाने वाले कप्तान अमित पाठक की जुबान पर जैसे ताला लग गया हो। पांच दिन होने को हैं लेकिन अभी तक इस वीभत्स घटना पर एक भी शब्द किसी ने नहीं सुने हैं। घटना के तुरंत बाद जिले की आठ पुलिस टीमों को लगा दिया गया आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए। लेकिन ये बनाई गईं आठ टीमें पांच दिनों से क्या कर रही है अबतक किसी को कुछ नहीं पता है। न ही इसके बारे में कप्तान ने कोई जानकारी दी है,अगर ऐसे ही पुलिस के काम करने की तेजी है तो इस प्रदेश की जनता को भगवान का ही सहारा है, अगर कहीं हैं तो।

नहीं है पुलिस प्रशासन के पास कोई जवाब कि छात्रा को क्यूँ लगाई थी आग
गौरतलब है कि 17 दिसंबर की शाम को छात्रा संजलि (15) पुत्री हरेंद्र सिंह जाटव निवासी गांव लालऊ से डेढ़ किमी दूर नौमील गांव में स्थित अशरफी देवी छिद्दा सिंह इंटर कॉलेज में पढ़ती है। संजलि पर कुछ दरिदों ने उस समय हमला किया जब वो छुट्टी के बाद साइकिल से घर लौट रही थी। घर से 500 मीटर पहले हमलावरों ने उसे रोका और उसके सिर पर पेट्रोल से भरी पूरी बोतल खाली कर दी। वह कुछ समझ पाती, इससे पहले ही लाइटर से आग लगा दी और भाग निकले। उसके बाद उसे दिल्ली के सफजरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया था।

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