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पत्रकारों पर बढ़ते हमले, पुलिस बनी मूकदर्शक ...

सार

उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बंनाने का दावा कर सत्ता पर आसीन हुई  भाजपा की योगी सरकार से वैसे तो कई क्षेत्रों में जनता को मायूसी ही मिली है, परंतु योगी जी के सबसे प्रमुख चुनावी वादे अपराध मुक्त प्रदेश की कलई प्रतिदिन खुलती जा रही है। वर्तमान समय प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर जैसे लुप्त सा हो गया है। आपराधिक गतिविधियों की बाढ़ आई हुई है प्रदेश में चाहे वह लूट डकैती हत्या हो या फ़िर शरीर को नोंच आत्मा का हनन करने वाला कृत्य बलात्कार हो सब चरम सीमा पर है। यह सब तो वह घटनाएं है जिस से आम जन मानस को रोज़ दो चार होना पड़ रहा है। किस पीड़ित को क्या मिलता है यह तो तीन ही लोग जानते है ईश्वर स्वयं पीड़ित या फिर सरकार जिस के भरोसे हमारी सुरक्षा है। साथ ही पुलिस की कार्यशैली जो जले पर नमक का काम करती है।

आज जब हम सुरक्षा के विषय पर बात कर रहे है तो आप को एक बात स्पष्ट शब्दों में बता दे असुरक्षित यहाँ सिर्फ आम आदमी नही बल्कि सभी है क्या प्रशासन (बिकरु कांड) क्या वकील(प्रयागराज), पत्रकार (गाज़ियाबाद/नोएडा), नेता से अभिनेता तक आज प्रदेश मे सब अपने को असुरक्षित महसूस करने लगे है। टी वी चैनल्स के ज्ञान से परे यह एक अटल कटु सत्य है।

चौथे स्तम्भ का हाल तो सबसे बुरा है योगी राज में, ख़बर लिखने और बनाने वालों की आज कल स्वयं ख़बरे सर्वाधिक बन रही है। पत्रकारों के प्रति बढ़ती आपराधिक घटनाओं से यह स्पष्ट है कि प्रदेश कितना सुरक्षित है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश का कानपुर नगर भी इन घटनाओं से अछूता नही रहा। पत्रकारों पर दिन प्रतिदिन हो रहे हमले चिंता का विषय है साथ ही पुलिस का हिलावाली का हट्टी रवैया आज कलम के सिपाहियों के लिए दुश्वारियां बढ़ाता जा रहा है। जिस का ताज़ा उदहारण आज थाना कल्यानपुर में पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले की घटना है जहाँ क्षेत्रीय थाना दबंगो के आगे नसमस्तक नज़र आया। जब पत्रकार सुरक्षित नही, उसकी न्याय की आस दमाडोल है पुलिस के रवैये के चलते तो बाकी सब का तो ईश्वर ही भला करें।

घटना विस्तार पूर्वक

कल्‍यानपुर थानाक्षेत्र में आज दबंगों ने एक पत्रकार के ऊपर हमला कर दिया। दैनिक अखबार देशमोर्चा के पत्रकार वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि बीती रात वो भैया जी बिरियानी कल्याणपुर पर बिरयानी खा रहे थे। तभी वहां इलाकाई दबंग संजय पुत्र श्याम एवं निखिल पुत्र संजय आए और शराब पीने के लिए उनसे रुपए मांगने लगे। वीरेन्‍द्र शर्मा ने रुपए देने से इंकार किया, तो उक्त दोनों लोगों ने कहा कि हम इस क्षेत्र के गुंडे हैं यदि हमें रंगदारी के रुपए नहीं दिए तो तुम यहां से जिन्‍दा बचकर नहीं जा सकोगे। 
 
 
वीरेन्‍द्र शर्मा का कहना है कि विवाद टालने की नीयत से वो वहां से जाने लगे तो उक्‍त संजय ने उनको गाली बकी और कट्टा निकालकर कट्टे के बट से उनके चेहरे पर मार दिया। जिससे उनका चश्मा टूट कर गिर गया और उनके चेहरे पर गंभीर चोट आ गई एवं खून निकलने लगा। फिर संजय के साथी निखिल ने उनको धक्का देकर चाकू से मारने का प्रयास किया। शोरगुल सुन कर मौके पर आसपास के लोग एकत्र हो गये और उन्‍होंने पत्रकार को बचाया। दोनों आरोपी वीरेन्‍द्र को जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए। 
 
 
वीरेन्‍द्र शर्मा का आरोप है कि मामले की लिखित सूचना उन्‍होंने तत्‍काल थाना कल्‍यानपुर में दी जिस पर पुलिस ने प्रकरण को गम्‍भीरता से नहीं लिया और करीब 3 से 4 घण्‍टे तक कोई कार्यवाही नहीं की। प्रभारी निरीक्षक अजय सेठ थाने से बराबर नदारत रहे और जब वीरेन्‍द्र शर्मा और उसके कुछ साथी थाना परिसर में बैठे उनका इन्‍तजार कर रहे थे तो आरोपी के पक्षकार बनकर वहां राजकीय उन्‍नयन बस्‍ती के दर्जनों लोगों के साथ कुछ स्‍थानीय दबंग आ गये और उन लोगों ने पत्रकारों पर पथराव करना शुरू कर दिया। जिससे तमाम पत्रकार चुटहिल हो गये और भगदड़ मचने से कईयों के कैमरे और मोबाइल फोन टूट गये। थाने के पुलिसकर्मी खड़े तमाशा देखते रहे और वीडियो बनाते रहे। किसी ने दबंगों को रोकने अथवा पत्रकारों को बचाने की कोशिश नहीं की। 
 
 
पत्रकारों का आरोप है कि इस पूरे घटनाक्रम में कल्‍यानपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक अजय सेठ की भूमिका संदिग्‍ध प्रतीत होती है। सूत्रों के अनुसार उक्‍त प्रकरण में आरोपियों को बचाने के लिये वीरेन्‍द्र शर्मा एवं उसके साथियों के खिलाफ महिलाओं को आगे करके झूठा मुकदमा लिखवा कर उनको प्रताडित करने की साजिश रची जा रही है। वहीं इस संदर्भ में पूछने पर कल्‍यानपुर थाना प्रभारी अजय सेठ ने बताया कि पीडित वीरेन्‍द्र शर्मा की तहरीर पर 323, 504, 506 506 आईपीसी के तहत एनसीआर दर्ज करके आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई है। पुलिस पर लगाये गये बाकी आरोप गलत हैं। पुलिस कानून के दायरे में अपना काम कर रही है।

पुलिस के इस रवैये से पत्रकारों में व्यापक आक्रोश है, साथ ही पत्रकारों द्वारा स्पष्ट संकेत दे दिए गए है अगर पुलिस द्वारा अपना रवैया नही बदला गया और पीड़ित पत्रकार को विधिवक न्याय प्रशासन द्वारा न दिलाया गया तो पत्रकार हर प्रकार से लंबी लड़ाई को तैयार है।

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