पंडित जी के अंतिम संस्कार के लिए आगे आया मुस्लिम समाज ...
भाईचारे की मिसाल
उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जनपद के गांव कसेरवा में मुस्लिम समाज के लोगों ने भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेेश की है। कोरोना के डर से एक समुदाय के लोग पंडित जी की शवयात्रा में शामिल नहीं हुए। वही मुस्लिम समाज के लोगों ने शवयात्रा में शामिल होने के साथ अर्थी को कांधा देकर भाईचारे की मिसाल कायम की। उनके इस कार्य की इलाके में सभी सराहना कर रहे हैं।
जनपद के शाहपुर थाना क्षेत्र का कसेरवा मुस्लिम बाहुल्य गांव है। गांव में हिन्दू समुदाय के कम ही परिवार रहते हैं। बृहस्पतिवार की शाम गांव में एकलौते ब्राह्मण परिवार के मुखिया पंडित ब्रजभूषण शर्मा (60 वर्ष) का ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया। परिवार के अन्य लोगों ने उनके निधन की सूचना रिश्तेदारों को दी तो वह भी गांव में पहुंच गए। देर शाम होने के कारण बृहस्पतिवार को मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। बावजूद इसके एक समुदाय के लोग कोरोना के भय के चलते घरों से बाहर नहीं निकले और मृतक के परिजनों को सांत्वना देने उनके घर भी नहीं पहुंचे।
वहीं शुक्रवार सुबह मृतक का अंतिम संस्कार होना था। लेकिन एक समुदाय के लोगों द्वारा न आने पर ग्राम प्रधान पति के अलावा कासिम चौधरी, कारी जाहिद हसन, चौधरी रहीसुद्दीन, तालिब चौधरी, फरमान चौधरी सहित मुस्लिम समुदाय के दर्जनों लोग मृतक के घर पहुंचे। उन्होंने मृतक की शवयात्रा में शामिल होने के साथ ही अर्थी को कांधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाकर परिजनों के साथ अंतिम संस्कार कराया।
सीआरपीएफ में जवान कासिम अली ने बताया कि गांव में हिन्दू-मुस्लिम मिलजुल कर रहते हैं। एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहते हैं। कोरोना के भय के चलते कुछ लोग अपना फर्ज भूल गए किन्तु ग्रामीणों ने कोरोना के भय को पीछे छोड़ते हुए अपना फर्ज अदा किया।
ग्राम प्रधान पति अखलाक अहमद का कहना है कि ग्रामीणों ने अपना फर्ज अदा कर मिसाल कायम की है। आगे भी ग्रामीण गांव में इसी प्रकार भाईचारा बनाए रखें। मृतक पंडित जी के पुत्र दीपक शर्मा ने पिता को मुखाग्नि दी। उधर क्षेत्र में सभी मुस्लिम समाज की सराहना कर रहे हैं।
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