आपराधिक केस दर्ज होने से शस्त्र लाइसेंस नहीं हो सकता निरस्त ...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि आपराधिक केस दर्ज होने मात्र से शस्त्र लाइसेंस निरस्त नहीं हो सकता। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने डीएम बलिया के लाइसेंस निरस्त करने के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही निर्देश दिया कि डीएम मामले में डीएम को नए सिरे से तीन माह में निर्णय लें।
हालांकि साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि याचिका मंजूर होने का यह आशय नहीं है कि याची का लाइसेंस स्वतः बहाल हो गया। कोर्ट ने कहा कि याची चाहे तो नियमानुसार लाइसेंस का आवेदन दे सकता है। यदि वह शस्त्र नियमावली 2016 के तहत पात्र पाया जाता है तो एक महीने में आवेदन पर आदेश पारित किया जाए।दरअसल राम भवन यादव ने ये याचिका दाखिल की थी, जिसमें शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के डीएम के आदेश को चुनौती दी गई थी। जस्टिस एम.सी.त्रिपाठी की एकलपीठ ने ये आदेश दिया है।
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