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जानिए क्या होता है लॉकडाउन का मतलब ...

लॉकडाउन का मतलब क्या है और इसके तहत क्या-क्या कदम उठाए जाते हैं

लखनऊ. कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आह्वान के बाद रविवार को बुलाए गए जनता कर्फ्यू (Janta Curfew) को जबरदस्त समर्थन मिलने के बाद देश के 75 जिलों में 31 मार्च तक टोटल लॉकडाउन (Lockdown) का फैसला लिया है. इसमें उत्तर प्रदेश के सात जिले, लखनऊ, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद और लखीमपुर खीरी को भी लॉकडाउन क्या गया है। अब लॉकडाउन का मतलब क्या है और इसके तहत क्या-क्या कदम उठाए जाते हैं इन्हें भी जानना जरुरी है।

लॉकडाउन की वैसे तो कोई शाब्दिक परिभाषा मौजूद नहीं है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों से बातचीत करने के बाद पता चलता है कि संक्रमण को रोकने के लिए सरकार इस तरह कदम उठा सकती है। लॉकडाउन का यह भी कतई मतलब नहीं है कि जिलों की सीमाएं सील कर दी जाएंगी। लॉक डाउन में सरकार का यह मकसद होता है कि लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने से बचें। खासतौर से सरकार के द्वारा सुझाए गए व्यवस्था पर कड़ाई के साथ अमल किया जाए।
संक्रमण को रोकने के लिए जो भी उपाय स्थानीय प्रशासन सुझाता है उस पर अमल करना बेहद ज़रूरी है। किसी गम्भीर मरीज को दिखाना हो या गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना हो तो ऐसे अत्यंत जरूरी कामों के लिए घर से बाहर निकला जा सकता है।

क्या सब्जी, दूध और ज़रूरी दुकानें खुलेंगी?

दूध, सब्जी, किराना और दवाओं की दुकान लॉकडाउन के दायरे से बाहर होती हैं। लेकिन इन दुकानों पर बेवजह भीड़ लगाने से बचना बेहद जरूरी हो जाता है।

क्या एटीएम और पेट्रोल पंप लॉकडाउन में खुलते हैं?

राज्य सरकार ने पेट्रोल पंप और एटीएम को आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में रखा है। सरकार जरूरत के हिसाब से पेट्रोल पंप और एटीएम खुलवा सकती है। यह जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की ज्यादा बनती है कि पेट्रोल पंप और एटीएम के खुलने से कहीं ऐसा तो नहीं होगा कि उस जगह पर भीड़ ज्यादा लग जाए। अगर अस्थानिय प्रशासन चाहे तो पेट्रोल पंप चला सकती है अथवा बंद भी कर सकती है।

क्या लॉकडाउन में निजी गाड़ियां कोई चला सकता है?

किसी भी जिले को लॉगडाउन करने के बाद निजी गाड़ियों का इस्तेमाल हो सकता है बशर्ते निजी गाड़ियों के इस्तेमाल से लोगों को परेशानियां न हो खासतौर से कोरोना वायरस के केस में गाड़ियों की संख्या अगर सड़क पर ज्यादा बढ़ती है तो भीड़ भाड़ का फार्मूला टूट जाएगा। ऐसे में लोग अगर कोई गंभीर बीमार या परेशानहाल है तो उसको लेकर अपनी गाड़ियों से निकल सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान दें कि सरकार ने इस मक़सद से इलाके को लॉकडाउन किया है। उस पर बट्टा न लगने दें।

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