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पीएफ घोटाले में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट गिरफ्तार ...

दोनों पर लगे आरोप पुष्ट.....

प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन में कर्मचारियों की भविष्य निधि (पीएफ) के अनियमित निवेश के मामले में ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को दो चार्टर्ड अकाउंटेंट को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था और घोटाले में इनकी संलिप्तता के साक्ष्य मिलने पर गिरफ्तारी की गई।
गिरफ्तार होने वालों में मनोज गोयल व इशांत अग्रवाल शामिल हैं। मनोज गोयल की पांच व इशांत की छह ब्रोकरेज फर्म हैं। इनमें से कई फर्में बोगस पाई गईं। अभी तक की पड़ताल में सामने आया है कि इन दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट ने अपना इन फर्मों में ब्रकोरेज की रकम जमा की और उसको बोगस फर्मों में डाल कर अलग खातों में स्थानांतरित किया। 

इन फर्मों के जिन बैंकों में खाते हैं उनसे इसका ब्यौरा हासिल करने का बाद दोनों पर लगे आरोप पुष्ट हुए। ईओडब्ल्यू ने इन दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया था। इनसे ब्रोकरेज की रकम को लेकर हुई बंदरबांट के बारे में सवाल किए गए और फिर उनको औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया।

ईओडब्ल्यू इस मामले में पूर्व में यूपीपीसीएल केपूर्व एमडी एपी मिश्र, वित्त निदेशक सुधांशु त्रिवेदी, सचिव पीके गुप्ता, गुप्ता के बेटे अभिनव व उसके मित्र फर्जी ब्रोकर कंपनी के संचालक आशीष चौधरी, अमित प्रकाश (डीएचएफएल के तत्कालीन रीजनल सेल्स मैनेजर), मनोज कुमार अग्रवाल (दो फर्जी ब्रोकर फर्मों के संचालक), विकास चावला (फर्जी ब्रोकर फर्म  संचालक), संजय कुमार (फर्जी ब्रोकर फर्म संचालक), श्याम अग्रवाल (चार्टर्ड अकाउंटेंट), अरुण जैन (छह ब्रोकर कंपनी का संचालक) व पंकज गिरि उर्फ  नीशु (फर्जी फर्म संचालक) को गिरफ्तार कर चुकी है।

शुक्रवार को हुई गिरफ्तारी के साथ कुल गिरफ्तार लोगों की संख्या अब 14 हो गई है। मनोज गोयल व इशांत अग्रवाल दोनों ही यूपीपीसीएल के सचिव पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता व उसके मित्र आशीष चौधरी के खासे करीबी हैं। 

अभिनव गुप्ता को फर्जी ब्रोकरोज कंपनियों को कमीशन दिलाने में अहम योगदान पाया गया था। पाया गया था कि उसके जरिए कई कंपनियों व लोगों को अनुचित लाभ दिलाया गया था। इस काम में उसके मित्र आशीष चौधरी की भी अहम भूमिका सामने आई थी।

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