हज़ारो पात्र खुले आसमान के नीचे बारिश का मज़ा लेने को विवश.... ...
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना फिर भी हजारों पात्र खुले आसमान के नीचे बारिश झेलने को मजबूर,
उन्नाव मे प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में हजारों पात्र व्यक्ति खुले आसमान के नीचे बारिश झेलने को मजबूर हैं। अभी तक छह सैकड़ा गरीबों को ही पहली किश्त मिल पाई है। जबकि अन्य अभी धनराशि मिलने के इंतजार में हैं।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में उन गरीबों को पक्के छत के लिए तीन किश्तों में 120000 रुपये की धनराशि दी जाती है जो कच्चे मकान में रह रहे हो। अभी तक 2011 की सामाजिक, आर्थिक जनगणना में शामिल किए गए गरीबों को ही योजना में शामिल किया जा रहा था।
जिले को 1535 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवासों का मिला है लक्ष्य:
अब तक सामान्य वर्ग का लक्ष्य कम आने से काफी संख्या में पात्र आवास पाने से वंचित रह गए थे। उस समय अनुसूचित जाति का लक्ष्य सबसे ज्यादा आया था। बाद में जब ग्रामस्तर पर जांच की गई तो पता चला कि अनूसूचित जाति वर्ग के लाभार्थियों को आवास से संतृप्त किया जा चुका है।
जिले में एससी वर्ग के कोई भी लाभार्थी आवास से वंचित नहीं हैं। इसके बाद अधिकारियों ने सामान्य व ओबीसी वर्ग के बचे लाभार्थियों के लिए पक्के आवास की मांग की। प्रदेश सरकार ने सामान्य वर्ग के 1535 लाभार्थियों को आवंटित कर दिया है। इसमें 1520 आवास सामान्य व पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों को दिए जाएंगे।
शत-प्रतिशत को पैसा न मिलने से खुले आसमान में रह रहे ग्रामीण:
वहीं अल्पसंख्यकों के लिए 15 आवास दिए गए हैं। इनमें से 1423 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। पिछले माह मिले लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक मात्र 683 को ही पहली किश्त के रूप में 40 हजार रुपये ही जारी हो पाए हैं। शेष अभी धनराशि का इंतजार कर रहे हैं।
नवाबगंज में एक भी लाभार्थी को नहीं मिला पैसा:
लाभार्थियों को धनराशि देने में नवाबगंज फिसड्डी साबित हो रहा है। इस विकासखंड में अभी किसी भी लाभार्थी के खाते में 40 हजार नहीं पहुंचे हैं। हिलौली 134 लाभार्थियों को पैसा देकर टॉप पर है। दूसरे नंबर पर असोहा विकासखंड है। मुख्य विकास अधिकारी प्रेमरंजन सिंह ने बताया कि जिन ब्लाकों में लापरवाही की जा रही है वहां के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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