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पुलिस महकमे में आज से हो जाएगी इतिहास थ्री नॉट थ्री राइफल ...

अलविदा थ्री नॉट थ्री राइफल

यूपी पुलिस का 70 साल पुराना हथियार थ्री नॉट थ्री राइफल इतिहास हो जाएगी। शासन के इसके प्रयोग पर पाबंदी लगाने से थानों में पुलिस कर्मियों को इंसास और एसएलआर राइफल से लैस किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 63 हजार इंसास और 23 हजार एसएलआर राइफलें थानों को दी जा चुकी है। पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे थ्री नाट थ्री का प्रयोग न करें। अगर किसी थाने पर इसका इस्तेमाल होता मिला तो संबंधित थाने व जिले की पुलिस लाइन के आरआई के खिलाफ कार्रवाई होगी।

एडीजी लॉजिस्टिक विजय कुमार मौर्य ने अपर मुख्य सचिव गृह को बताया कि सिपाही की चल रही भर्ती प्रक्रिया को देखते हुए 8 हजार इंसास राइफल रिजर्व में गई है। इसके अलावा 8 हजार और इंसास राइफल व 10 हजार 9 एमएम पिस्टल खरीदने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह बताते हैं कि थ्री नॉट थ्री का सबसे पहले इस्तेमाल 1914 में पहले विश्व युद्ध में हुआ था। इसकी मारक क्षमता लगभग 2 किलोमीटर थी। यूपी पुलिस के पास यह हथियार 1945 में आया। इससे पहले मस्कट राइफल 410 का प्रयोग होता था। 

इसके बाद 80 के दशक में एसएलआर पुलिस को मिली। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान इंसास राइफल कारगर साबित हुई थी। अब 70 साल पुराने असलहे थ्री नॉट थ्री के प्रयोग पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। इसे आरआई के यहां जमा कराया जाएगा और फिर शस्त्र फैक्ट्री में इसे नष्ट करा दिया जाएगा।

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