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सरकार ने विजिलेंस के सभी 10 सेक्टरों को थाने का दर्जा दिया.. ...

सरकार ने विजिलेंस के सभी 10 सेक्टरों को थाने का दर्जा दे दिया है। अब विजिलेंस को भ्रष्टाचार से सम्बंधित मुकदमे जिलों के थानों में दर्ज नहीं कराना पड़ेगा। जिसके बाद लखनऊ, कानपुर,अयोध्या, प्रयागराज, गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, झांसी, आगरा, मेरठ में एसपी विजिलेंस के दफ्तर थाने बन गये हैं।

राज्य मुख्यालय प्रदेश सरकार ने सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब दस जिलों में एसपी विजिलेंस के कार्यालयों को थाने का दर्जा दिया गया है, उनमें एसपी विजिलेंस लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा,अयोध्या, प्रयागराज, गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, मेरठ के दफ्तर थाने बन गए हैं। इन थानों में अब विजिलेंस के अधिकारी रिश्वत मांगने की शिकायत मिलने पर सरकारी कर्मचारी के खिलाफ सीधे शिकायत दर्ज कर सकेंगे। इस फैसले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। प्रदेश में विजिलेंस को सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर कार्रवाई का अधिकार है। विजिलेंस गैर राजपत्रित सरकारी कर्मचारियों और राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत पर कार्रवाई करती है। मौजूदा व्यवस्था में घूस मांगने की शिकायत मिलने पर आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए विजिलेंस को स्थानीय पुलिस के थाने में एफआईआर दर्ज करानी पड़ती थी। इससे शिकायत की गोपनीयता भंग हो जाती थी और आरोपी अधिकारी कर्मचारी बचाव का रास्ता ढूंढ लेते थे। अब विजिलेंस के अधिकारियों को भी सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा की तरह अधिकार मिल गया है।

एसपी विजिलेंस को थानों का दर्जा मिलने से अब स्थानीय पुलिस के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही मामले की विवेचना में भी बेवजह होने वाली देरी नहीं होगी। एसपी विजिलेंस कानपुर सेक्टर थाने में कानपुर, इटावा, कानपुर देहात, कन्नौज, औरैया, फर्रूखाबाद जिले की एफआईआर दर्ज होंगी।

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