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बेहतर इम्यूनिटी और मास्क से ही बचा जा सकता है ब्लैक फंगस से ...

केजीएमयू में 96 भर्ती,यूपी में ब्लैक फंगस के मरीज 250 पार

कोरोना काल में अब ब्लैक फंगस के बढ़ते संक्रमण ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यूपी में मरीजों का आंकड़ा 250 के पार हो गया है। प्रदेश में 33 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। लखनऊ के केजीएमयू में सबसे ज्यादा 96 मरीजों का इलाज चल रहा है। 6 मरीजों की शुक्रवार को सर्जरी हुई है। हालांकि, लखनऊ में पूरे प्रदेश से मरीज रेफर होकर आ रहे हैं।

लखनऊ के बाद सबसे ज्यादा मरीज मेरठ में सामने आए हैं। यहां 82 मरीज हैं। 12 नए मरीज सामने आए हैं। अब तक सबसे ज्यादा लखनऊ में 11 और मेरठ में 7 मौतें हो चुकी हैं। सरकार का दावा है कि ब्लैक फंंगस के इलाज की व्यवस्था की गई है। लेकिन हकीकत ये है कि जिलों में ब्लैक फंगस के ज्यादातर मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

उधर, ब्लैक फंगस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि इसे महामारी के रुप में अधिसूचित किया जाए। राजस्था, गुजरात, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी घोषित कर चुके हैं। दिल्ली में भी इसके मरीजों के इलाज के लिए अलग से सेंटर्स बनाए जा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एक-दो दिन में यूपी सरकार भी ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर सकती है।

बेहतर इम्यूनिटी और मास्क से ही बचा जा सकता है ब्लैक फंगस से

उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य महकमे के सलाहकार व किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ में तैनात लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डॉ. प्रोफेसर बीएनबीएम प्रसाद बताते हैं कि ब्लैक फंगस जैसी बीमारी कई साल पुरानी है। इस बीमारी से बचने का सबसे आसान और कारगर तरीका इतना है कि लोगों को अपनी इम्यूनिटी लेवल ठीक रखना होगा।

30 साल तक देश के विभिन्न ने बड़े उच्च मेडिकल संस्थानों की जिम्मेदारी निभाने वाले डॉक्टर बीएनबीएम प्रसाद का मानना है कि ब्लैक फंगस जैसी बीमारी नमी कम होने पर तेजी से फैलती है। यह नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करती है। कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों को ब्लैक फंगस का ज्यादा जोखिम होता है।

तीन प्रमुख कारण, कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस क्यों बढ़ा:

सबसे पहला जिसमें ऑक्सीजन को नमी देने वाले कंटेनर का पानी साफ ना होना। असुरक्षित तरीके से लंबे समय तक ऑक्सीजन दिया जाना। इलाज में स्टेरॉयड सही समय पर न देना या जल्दी देना दोनों हानिकारक है। बढ़ रही है मरने वालों की संख्या, दवाइयां बहुत महंगी, मुश्किल से मिल रहीं।

ब्लैक फंगस को लेकर सबसे बड़ी चिंता यह है कि इसका इलाज बहुत महंगा है। इसके अलावा, इसकी दवाइयां बहुत महंगी है। इस बीमारी में डेथ रेट भी काफी ज्यादा है। ब्लैक फंगस के मरीजों को मुश्किल से दवाएं मिल पा रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा इसके इलाज के संबंधित जो भी दवाइयां हैं वह प्रदेश के मुख्यालय से सीधे सीएमओ के जरिए मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है। लखनऊ में केजीएमयू में इसका इलाज चल रहा है। इसके अलावा कोई भी प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज करने में अभी तक सक्षम नहीं है।

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