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सजा सुधाराक के कानून तहत मजिस्ट्रेट ने सजा सुनाई ...

शराब पीने की सजा, कोर्ट चलने तक कोने में बैठे रहो

रेलवे जंक्शन पर शराब पीकर यात्रियों के साथ अभद्रता करने के आरोपी एक पीएसी कर्मी को मंगलवार को रेलवे मजिस्ट्रेट कुलदीप सिंह ने जेल या जुर्माने से दंडित करने के बजाय उसे कोर्ट चलने तक कोने में बैठे रहने की सजा सुनाई। अपनी सजा सुन पीएसी कर्मी थोड़ी देर के लिए चौंक गया। वहीं, जेल जाने से बचने की खुशी भी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दी। शाम को कोर्ट बंद होते ही उसकी सजा पूरी हो गई और वह अपने घर चला गया। कानूनी जानकारों के अनुसार इस प्रकार की सजा सुधाराक के कानून तहत दी जाती है। इसमें आरोपी को जेल या जुर्माने के बजाय उसे कोई काम करने या खड़े रहने की सजा दी जाती है, जिससे उसे अपनी गलती का अहसास हो और भूल सुधार करके आगे से इस प्रकार की हरकतें न करे।
वाकये के अनुसार 35 वर्षीय विक्रांत सिंह पुत्र श्यामवीर निवासी स्माइलपुर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर पीएसी की एक कंपनी में अलीगढ़ में तैनात है। मंगलवार को अलीगढ़ जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर दो-तीन पर शराब के नशे में उसने यात्रियों के साथ अभद्रता कर दी थी। इस बात की शिकायत एक यात्री ने जीआरपी से कर दी। जीआरपी ने उसका मेडिकल कराया, जिसमें शराब पीने की पुष्टि होने पर उसे तहरीर देकर आरपीएफ के हवाले कर दिया। जीआरपी की तहरीर पर आरपीएफ ने रेलवे एक्ट की धारा 145-ए (हंगामा करनेे) की धारा में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रेलवे मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश कर दिया।
रेलवे मजिस्ट्रेट कुलदीप सिंह ने मामले में सुनवाई कर आरोपी को कोर्ट चलने तक कोने में बैठे रहने की सजा सुना दी। साथ ही चेतावनी दी कि आगे से इस प्रकार की हरकत करने पर जेल या जुर्माने की सजा भी हो सकती है। आरपीएफ इंस्पेक्टर चमन सिंह तोमर के मुताबिक आरोपी पीएसी कर्मी अपनी सजा पूरी करने के बाद वापस अपने घर चला गया।

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