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पीपल्स नामक सफाई कम्पनी की कार्यप्रणाली सवालो के घेरे में ...

स्वच्छ भारत के तहत चलाए जा रहे छावनी बोर्ड के सफाई अभियान को कम्पनी ठेकेदार व कर्मचारी ठेंगा दिखाने का कार्य  कर रहे है। 

बताना चाहेंगे मीरपुर स्थित नवाब पार्क के सामने VIP सड़क से सटे नाले में कूड़ा जमने के कारण अक्सर सीवर चोक हो जाता है जिससे नाले का सारा गन्दा पानी सड़क पर आ जाता हैं। आने जाने वाले वाहन गन्दे पानी को रौंदते हुए निकलते है जिससे सारा गन्दा पानी सड़क किनारे चल रहे राहगीरों व आस पास के लोगो पर पड़ता है बदबुनुमा पानी से लोगो के कपड़े खराब हो जाते है दो दिन होने को आये है। अभी तक किसी भी सफाई कर्मी की नजर इस ओर नही गई है जबकि ये छावनी का सबसे व्यस्तम चौराहों में गिना जाता है। वही क्षेत्रीय लोगो का कहना है कि सफाई कर्मियों की गाड़ी इधर से कई बार निकलती है लोगो ने उनका ध्यान इस ओर केंद्रित किया परन्तु उन्होंने ये कहकर टाल दिया कि छावनी बोर्ड या सभासद को कम्प्लेन करो ये मेरा काम नही है कुछ लोगो ने सभासद को भी फोन किया तो उनकी जगह लिए उनके मातहत ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि अभी कोई भी कर्मचारी खाली नहीं है बाद में देखेंगे ।

सफाई कम्पनी के पास ढंग के नही है साधन

सफाई के नाम पर बोर्ड से प्रतिमाह लाखो रु0 वसूलने वाली पीपल्स नामक सफाई कम्पनी की  कार्यप्रणाली सवालो के घेरे में है। बोर्ड के 6 वार्डो में नाली साफ करना व झाड़ू लगाकर कूड़ा उठाने की ज़िम्मेदारी भी सही ढंग से नही निभा पा रही है टूटे फूटे साधनों से लैस कभी स्टाफ की कमी तो कभी साधनो की कमी का हवाला देकर कछुए की चाल से कार्य कर रही कम्पनी की पकड़ ऊपर तक होने की बात निकलकर सामने आ रही है जिसके कारण उसके कर्मचारी मनमाने तरीके से कार्य करते है शायद यही वजह है जो वर्तमान सभासद भी कम्पनी द्वारा लीपापोती युक्त किए कार्यो पर उंगली उठाने से घबराते है।

बहरहाल मामला कुछ भी हो बोर्ड अधिकारियों को चाहिए समय समय पर ठेका लिए कम्पनियो की कार्य प्रणालियों को जांचते।रहना चाहिए ताकि लाखो रु0 कमा रहे ठेकेदार अपने कार्य के प्रति गम्भीर रहे और जनता भी पूर्णतया आश्वस्त हो।

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