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ग्रामीणों के दिल में बैठा कुख्यात हत्यारे विकास दुबे का डर ...

दहशत-पुलिस वाले खुद का बचा न पाए, तो हमार कौउन गारंटी...

कानपुर के चौबेपुर में हुई मुठभेड़ को 85 घंटे पूरे हो चुके हैं। घटना का मुख्य आरोपी विकास दुबे अभी तक फरार है। उस पर ढाई लाख का इनाम घोषित हो चुका है। आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद पुलिस की 100 से अधिक टीमें तीन राज्यों में विकास की तलाश कर रही हैं। इस सब के बीच अब शहीद सीओ का ऑडियो और शिकायत पत्र वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने बड़ी घटना की आशंका जताई थी।

कानपुर के बिकरू में पुलिसकर्मियों से खूनी खेल खेलने के बाद भले ही विकास दुबे फरार हो गया हो, लेकिन ग्रामीणों में अभी भी उसके लौट कर आने को लेकर दहशत साफ तौर पर देखने को मिली। ग्रामीणों ने कहा वो पंडितजी के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकते हैं। जब पुलिस वाले खुद का न बचा पाए, तो हमार कौउन गारंटी है।

गुरुवार की रात जब विकास और उसके गुर्गे पुलिसकर्मियों पर गोलियां बरसा रहे थे, तो उस वक्त ग्रामीण अपने घरों में सुकून की नींद सो रहे थे। यह कहना है विकास दुबे के घर के पीछे रहने वाले कुछ ग्रामीणों का। उन्होंने बताया कि विकरू में आए दिन कभी किसी से विवाद को लेकर तो कभी सिर्फ असलहों की टेस्टिंग के कारण अक्सर पंडितजी के घर से फायरिंग की आवाजें आती रहती थीं। 

गोलियों की तड़तड़ाहट सुन-सुन कर वो इसके इतने आदी हो चुके थे, कि अब उन्होंने इस पर ध्यान देना ही बंद कर दिया था। ग्रामीणों के अनुसार गुरुवार को हुई घटना के चार दिन पहले भी पंडितजी का किसी से विवाद हुआ था, जिसमें भी ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। इसके बाद जब गुरुवार की रात भी फायरिंग की आवाजें आईं तो इसे आम दिनों की तहर गोलियों की तड़तड़ाहट समझ कर किसी ने अपने घरों से बाहर निकलने की जहमत नहीं उठाई। विकास के खिलाफ बयान देने के सवाल पर ग्रामीणों ने साफ कहा कि अगर वो बच कर आ गया तो किसी को नहीं छोड़ेगा।

जरा सी बात पर चल जाती थी गोली

ग्रामीणों ने बताया कि पंडितजी का सनकीपन लोगों में डर की मुख्य वजह है। जरा सी बात पर गोली चला देना आम बात थी। ऐसा ही एक वाक्या बताते हुए ग्रामीणों ने बताया कि पंडितजी पिछले साल एक कार्यक्रम में जाने के लिए तैयार थे। पेड़ के नीचे बैठे थे, तभी पेड़ के ऊपर से किसी पक्षी ने उनके ऊपर बीट की। इस बात से खफा पंडितजी ने पक्षी को गोली मार दी।

बगैर चढ़ावा चढ़ाए नहीं चलने देता उद्योग-धंधे

कानपुर में शिवराजपुर, चौबेपुर, शिवली व बिठूर थाना क्षेत्र में विकास दुबे की दहशत का ये आलम है कि बगैर उसकी इजाजत के कोई उद्योगपति अपना काम नहीं शुरू करता। उद्योगपतियों से लेकर खनन माफिया तक  विकास को चढ़ावा चढ़ाते और उन्हें संरक्षण मिलता। आसपास क्षेत्र में चलने वाले बड़े उद्योगों से वसूला जाने वाला लाखों का गुंडा टैक्स ही विकास दुबे की आय का मुख्य साधन था।

घर से खाली राशनकार्ड भी बरामद 

पुलिस को चौथे दिन जांच पड़ताल के दौरान विकास के गोरखधंधों के काफी सुबूत भी मिले हैं। घर के आखिरी वाले कमरे से खाली राशन कार्ड भी मिले, जिसे विकास जमीनों के बैनामों में फर्जी आईडी के रूप में इस्तेमाल करता था। इसके अलावा कई लोगों के राशनकार्ड, वोटर आईडी कार्ड भी बरामद हुए हैं। पुलिस को विकास के घर के पास एक कुआं मिला है। कुएं में झांकने पर पुलिस को कुछ संदिग्ध वस्तुएं और झोले नजर आईं। इस पर पुलिस ने कटिया डलवा कर संदिग्ध वस्तुएं बाहर निकलवाईं। पुलिस ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया है। कई राजनैतिक पार्टियों के झंडे भी बरामद किए गए, जिससे साफ है कि विकास समय-समय पर राजनीति को अपनी ढाल बनाता रहा है।

चार दिनों से लाइट गुल, चक्कियां बंद

गांव में दो आटा चक्कियां हैं। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद से बिकरू समेत आसपास गांवों लाइट काट दी गई है। इससे गांव व आसपास लगी सभी चक्कियां भी बंद हो गई हैं। ऐसे में लोग गेहूं नहीं पिसा पा रहे हैं। ऐसे में कई ग्रामीणों के सामने सिर्फ चावल खाकर पेट भरने के अलावा कोई उपाय नहीं है।

बिकरू में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात

विकास दुबे को पकड़ने के लिए जारी ताबड़तोड़ दबिश और पुलिस की सख्ती से गांव में सन्नाटा छाया हुआ है। पीएसी, आरआरएफ और पुलिस के 700 जवान गांव के चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। कोई भी बगैर अनुमति के गांव के बाहर और अंदर नहीं जा सकता है।

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