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कड़ाके की ठंड मे जिलाधिकारी व एस एस पीo निकले सड़को पर ...

19 रोगियों की मौत, कानपुर में शीत लहर का कहर

कानपुर नगर।जिलाधिकारी विजय विश्वास पन्त ने आज शहर के विभिन्न रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी सबसे पहले भैरव घाट रैन बसेरा पहुचे वहां समस्त व्यवस्थाएं थी ततपश्चात उन्होंने परमट तथा सरसैया घाट रैन बसेरे का भ्रमण किया। जिलाधिकारी ने  घण्टाघर में सड़क किनारे सो रहे लोगो को उठा कर  रैन बसेरों में वाहनों से भेजा और  साथ मे चल रहे  अपर नगर आयुक्त  को निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त जोन में नगर निगम के  अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाकर  सड़क किनारे सो रहे लोगो को प्रेरित करके उन्हें रैन बसेरों में रात्रि में सोने के लिए भेजा जाए  । उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में खुले में कोई भी न सोए इस बात का विशेष ध्यान रहे ।सभी चौराहों , रैन बसेरों में  अलावा की व्यवस्था मे कोई कमी न रहने पाए । जिलाधिकारी ने परमट, भैरोघाट तथा सरसैया रैन बसेरे का निरीक्षण कर समस्त व्यवस्थाएं जैसे गद्दे, रजाई ,पेयजल , शौचालय तथा अन्य  व्यवस्थाए कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एसएसपी श्री अनन्त देव , अपर नगर आयुक्त ,उप जिलाधिकारी सदर उपस्थित रहे।

शहर में ठंड का कहर तेज होता जा रहा। इससे धमनियां सिकुड़ने से हृदय रोगियों की हालत बिगड़ जा रही है। सांस के रोगियों की भी जान पर आफत है। शुक्रवार को 19 रोगियों की मौत हुई। तीमारदारों के मुताबिक मरने वाले हृदय रोगियों में अधिकांश की तबीयत रात में बिगड़ी है। सात रोगियों की हार्ट अटैक, दो की ब्रेन अटैक, छह की सीओपीडी, दो की अस्थमा और दो की सेप्टीसीमिया से मौत हुई है। दोपहर तक हैलट इमरजेंसी में ब्रेन अटैक के पांच और सीओपीडी के तीन रोगियों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया।
 
स्वरूपनगर के रहने वाले रोहन (55) और आर्यनगर के विनोद (48) की क्षेत्र के अस्पताल में हार्ट अटैक से मौत हो गई। तीमारदारों ने बताया कि रात में अचानक तबीयत बिगड़ी और बेहोशी आ गई। इसी तरह कार्डियोलॉजी में ओपीडी स्तर पर इलाज करा रहे रावतपुर के हीरालाल (62), कल्याणपुर के स्वरूप पुरी (60) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रामादेवी के रहने वाले राजेश वैश्य (48) और रूपाली (40) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। हाई ब्लड प्रेशर से सांस फूलने पर परिजन उन्हें क्षेत्र के अस्पताल ले गए थे। जाजमऊ के रहने वाले कारोबारी शकील जावेद (55) की हार्ट से अटैक मौत हुई। परिजन उन्हें क्षेत्र के अस्पताल में दिखाने के बाद लखनऊ लेकर जा रहे थे। तीमारदारों ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें स्टेंट पड़ा था। इसी तरह ब्रेन अटैक से कल्याणपुर के राजकुमार (47), मंधना के रूप कुमार (52) की मौत हुई है। उन्हें कल्याणपुर के नर्सिंगहोम लाया गया। 

रोगियों की नाकसे खून आ गया था। सीओपीडी रोगी नौबस्ता के ललिता देवी (60), जाजमऊ के अहसन (61) और मछरिया के देवेंद्र (60) की मौत हुई है। इनका इलाज डॉ. मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल में ओपीडी स्तर पर चल रहा था। इसी तरह गोविंदनगर के रघुनंदन (48), किदवईनगर के आशिक (55) और मतेश (60) की सीओपीडी से मौत हुई है। ये अपना इलाज निजी विशेषज्ञ के यहां करा रहे थे। काकादेव की अस्थमा रोगी शकुंतला (65) और नवाबगंज के दिनेश (55) की गुरुवार देर रात मौत हो गई। वायरल संक्रमण के बाद सरसौल के रहने वाले मनवर (48) और योगेंद्र (65) के शरीर में संक्रमण फैल गया और मौत हो गई। रोगियों का इलाज लालबंगला के एक अस्पताल में चल रहा था।

रोगी डोज दुरुस्त कराएं, समस्या हो रही गंभीर

जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा ने कहा कि हृदय रोगी गर्मी में जो दवा की डोज खा रहे थे, वही जाड़े में भी खा रहे हैं। इससे ब्लड प्रेशर बेकाबू हो जा रहा है और ब्रेन अटैक पड़ रहा है। जाड़े में धमनियां और नसें सिकुड़ने लगती हैं। इससे हार्ट की समस्या गंभीर हो जा रही है। इसके अलावा इस वक्त ठंड और प्रदूषण के कारण चेस्ट का कोई भी संक्रमण गंभीर हो रहा है। सीओपीडी और अस्थमा के रोगियों की अचानक तबीयत बिगड़ती है और वेंटिलेटर पर रखने की नौबत आ जाती है। जरा सी लापरवाही से मौत हो जाती है।

डॉक्टरों का मशविरा

रात में हीटर, अंगीठी आदि जलाकर न सो जाएं,डायबिटीज रोगी हीटर से पैर सटाकर न सेंकें, डायबिटीज रोगी जाड़े में गजक, पट्टी आदि न खाएं, बीपी रोगी जांच कराकर दवा की डोज दुरुस्त कराएं, घर में ब्लोअर चलाएं तो एक बाल्टी पानी से भरकर रख लें, बीपी रोगी बाहर निकलें तो कान मफलर से बांधे रहें, गरिष्ठ भोजन से न करें, सोने के एक घंटा पहले खाना खा लें, छोटे बच्चों को रात में मोजा आदि पहनाएं रहें, उन्हें लिपटाकर सुलाएं, रात के कार्यक्रमों में बच्चों को बाहर न ले जाएं।

फेफड़ों में जा रहे प्रदूषित कण, ठंड के साथ बढ़ रहा प्रदूषण

कानपुर में ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण में भी इजाफा हो रहा है। जैसे-जैसे धुंध और कोहरा गहरा रहा है, प्रदूषण के तत्व भी उसी मात्रा में वातावरण में बढ़ते जा रहे हैं। दरअसल धुंध और कोहरे की वजह से ये तत्व ऊपर न जाकर नीचे ही मंडरा रहे हैं और सांस के माध्यम से लोगों के फेफड़ों में जा रहे हैं।

कणों के वातावरण में मंडराने की वजह से ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) भी बढ़ रहा है। बृहस्पतिवार शाम सात बजे एक्यूआई 379 पर पहुंच गया। वहीं सीपीसीबी की तरफ से जारी रिपोर्ट में शाम चार बजे कानपुर 373 एक्यूआई के साथ देशभर में सबसे ऊपर रहा। हालांकि बाद में कानपुर का एक्यूआई और बढ़ा लेकिन बाकी शहरों से नीचे रहा। मालूम हो एक्यूआई की सामान्य मात्रा 0 से 50 के बीच मानी जाती है। केेंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार सुबह पांच बजे ही शहर का एक्यूआई 200 पहुंच गया था। जो हर घंटे बढ़ता गया। शाम छह बजे यह 308 था। इसके बाद एक घंटे में 71 प्वाइंट की बढ़त हुई। यह स्थिति अभी और भी खराब हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण में जिन तत्वों की अधिकता रही, उसमें धूल से ज्यादा धुएं के कण बताए जा रहे हैं। प्रदूषित कणों की क्षमता पीएम 2.5 होने की वजह से ये सांस के जरिए अंदर जाकर सीधे फेफड़ों पर असर डाल रहे हैं। चिकित्सकों ने इससे बचने के लिए शाम और सुबह मास्क लगाने की सलाह दी है।

सुबह से शाम इस तरह रहा एक्यूआई

पांच बजे..200, छह बजे..226, सात बजे..231, आठ बजे...219, 9 बजे 209, 10 बजे..229, 11 बजे 253, 12 बजे..225, 13 बजे..248, 14 बजे..238, 15 बजे..227, 16 बजे 223, 17 बजे..235, 18 बजे..308, 19 बजे.. 379

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