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दो बेटों की मौत के बाद उजड़ गया परिवार ...

 जिसने भी सुना छलक उठे आंसू

कानपुर के बिठूर सड़क हादसे में सगे भाइयों की मौत के बाद पिता की इच्छा पर बड़े बेटे की आंखें दान की गईं, जिससे दो लोगों को रोशनी मिलेगी। शनिवार दोपहर दोनों भाइयों का भैरव घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। अशोक नगर निवासी जितेंद्र मसंद का क्षेत्र में ही फास्ट फूड का मशहूर रेस्त्रां है।
शुक्रवार रात वह पत्नी दिव्या व अपने दोनों बेटे देवेश मसंद (24) व क्षितिज मसंद (17) के साथ बिठूर के गंगा वैली गार्डेन में एक शादी समारोह में गए थे। वहां से दोनों बेटे किसी काम के चलते कार से निकले थे। रमेलनगर मोड़ के पास हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। दोनों बेटों की आंखें दान करने की जितेंद्र की इच्छा पर डॉक्टरों की टीम पहुंची। पता चला कि हादसे में क्षितिज की आंखें खराब हो चुकी थी।
इसलिए केवल देवेश की ही आंखें दान हो सकीं। दोनों की मौत से एयरफोर्स से रिटायर्ड दादा कमलेश व दादी पूनम का भी रो-रोकर बुरा हाल है। वीआरएस लेने के बाद उन्होंने विभाग से रकम नहीं ली थी, पूरा पैसा दान कर दिया था। शुक्रवार को पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार व उनकी बेटी राज्यमंत्री नीलिमा कटियार ने घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाई।

देवेश ने जाने से किया था इंकार

परिजनों ने बताया कि देवेश ने पहले शादी में चलने से मना कर दिया था। सभी के कहने पर वह राजी हो गया। माता-पिता को शादी समारोह में छोड़ने के बाद दोनों भाई कुछ देर बाद लौटने की बात कहकर कार से निकल लिये थे। करीब दस मिनट बाद ही पुलिस ने फोन करके परिजनों को हादसे की सूचना दी। 

व्यापार में भी बंटाते थे हाथ

व्यापार में दोनों बेटे जितेंद्र का हाथ बंटाते थे। देवेश बीबीए कर चुका था जबकि क्षितिज इंटरमीडिएट में था। देवेश के रिश्ते की भी बातचीत चल रही थी। परिजनों ने बताया कि 29 जनवरी को दोनों ने माता-पिता की शादी की सालगिरह मनाई थी।

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