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फर्जी ढंग से सीआरपीएफ में पाई नौकरी ...

पुलिस ने दबोचा श्रीनगर में तैनात कानपुर देहात के युवक को

फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सहारे सीआरपीएफ में नौकरी पाने वाले कानपुर देहात अनुराग उर्फ अभय त्रिपाठी को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पेशी के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। 
रूरा थाना प्रभारी सैयद मोहम्मद अब्बास ने बताया कि सूतनपुरवा गांव के दिलीप कुमार ने अपने भतीजे (बड़े भाई प्रदीप के बेटे) अनुराग वाजपेयी पर फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सहारे सीआरपीएफ में नौकरी करने का आरोप लगाया था। उसका कहना था कि मामा के गोद लेने से सूतनपुरवा से पांडेय निवादा शिफ्ट हुए अनुराग ने वर्ष 2013 में नाम बदलकर अभय कर लिया और जन्मतिथि बदलकर दोबारा हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।

युवक ने नाम और जन्मतिथि बदलकर दोबारा पास किया था हाईस्कूल

पूर्व में 2003 में वह अपने असल नाम और जन्मतिथि से हाईस्कूल पास कर चुका था। बाद में दोबारा हाईस्कूल पास करने की मार्कशीट को आधार बनाकर 2014 में सीआरपीएफ में ट्रेडमैन की नौकरी पा ली। इस वक्त श्रीनगर में तैनात है। थाना प्रभारी के मुताबिक प्राथमिक जांच में दस्तावेजों में कूटकरण से सरकारी नौकरी पाने की बात सही पाए जाने पर आजकल छुट्टी पर आए अनुराग को रूरा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने उसके कब्जे से सीआरपीएफ कार्ड, वोटर कार्ड, पैनकार्ड, केंद्र सरकार का नेशनल पेंशन सिस्टम कार्ड आदि कब्जे में लिया है। उसके पास से मिले अकबरपुर रनियां के पते के मतदाता पहचान पत्र में पिता के नाम के कॉलम में प्रदीप कुमार लिखा है, जबकि नौकरी के लिए आधार बनाकर दोबारा हासिल किए हाईस्कूल के रिकॉर्ड में पिता के स्थान पर मामा का नाम लिखा है। 
 

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