मुठभेड़ में मारा गया प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय था नाबालिग ...
फरीदाबाद पुलिस ने किया था प्रभात को गिरफ्तार
लखनऊ-: बीती 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद एक के बाद एक खुलासा हो रहा है। इस हत्याकांड के बाद विकास दुबे का करीबी कार्तिकेय उर्फ प्रभात मिश्रा की बहन हिमांशी ने दावा किया है कि उसका भाई नाबालिग था। प्रभात उर्फ कार्तिकेय की उम्र मात्र 16 साल थी। वहीं उसने हाईस्कूल की मार्कशीट भी दिखाई है, जिसमें उसकी जन्मतिथि 27 मई 2004 दर्ज है। प्रभात मिश्रा की बहन हिमांशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने बिना गलती के मेरे भाई को मार डाला। उधर, मेरे पिता को भी झूठा फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी फैमली में किसी का क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। जबकि तीन बार तलाशी के बाद भी पुलिस को हमारे घर से कुछ नहीं मिला।
पुलिस के मुताबिक प्रभात मिश्रा बिकरु गांव में पुलिस टीम पर गोलियां बरसाने में शामिल था। प्रभात को फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद उसे कोर्ट पेश कर के यूपी एसटीएफ को ट्रांजिट रिमांड पर लिया था। यूपी एसटीएफ उसे रिमांड पर कानपुर ला रही थी। पनकी थाना क्षेत्र में गाड़ी ख़राब हो गई। इस बीच प्रभात ने यूपी एसटीएफ के एक दरोगा की पिस्टल छिनकर भागने लगा। जब पुलिस ने उसे रोका तो फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद हुई जवाबी फायरिंग में प्रभात मिश्रा मारा गया।
शूटआउट में शामिल था प्रभात मिश्रा
बता दें हमीरपुर एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे के राइट हैंड अमर दुबे के बाद प्रभात ही उसका सबसे करीबी था। फरीदाबाद पुलिस ने उसके पास से पुलिस से लूटी गई चार पिस्टल और 44 कारतूस भी बरामद की थी। उसने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि वारदात के बाद विकास दुबे के साथ मर दुबे और वह पास के ही गांव शिवली में दो दिन तक रुके थे। इसके बाद वे ट्रक से फरीदाबाद पहुंचे थे। विकास दुबे का साम्राज्य एक एक कर धराशायी हो रहा है। अब उसके राइट और लेफ्ट हैंड कहे जाने वाले अमर दुबे और प्रभात मिश्रा को एसटीएफ ने मार गिराया था।
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