ई रिक्शा चालक से बोला एम परिवहन एप तुम्हारे .... घुसेड़ दूंगा ...
कानपुर की ट्रैफिक पुलिस खुलेआम कर रही है शोषण
कानपुर एक ओर जहाँ योगी सरकार आम जनता को राहत देने के लिये नई _नई योजनाओं को लागू कर अपनी छवि प्रदेश में मजबूत करने में लगी है, वहीं कानपुर की ट्रैफिक पुलिस आम आदमी को जेल भेजने की खुलेआम धमकी देकर उनका शोषण कर रही है।
आँखों देखी घटना के अनुसार शाम को छह बजे एक ई रिक्शा अफीम कोठी की ओर से जरीब चौकी की ओर आ रहा था, उसके सामने एक ऑटो चल रही थी, जो कि चौराहे किनारे रुकी और सवारी उतरने लगी। ई रिक्शा चालक ने भी रिक्शा किनारे रोका और उससे भी तीन सवारी उतरी। तभी एक होमगार्ड ई रिक्शा चालक के पास आया और बोला कि यहां ऑटो रूकती है अपना रिक्शा आगे ले जाओ लेकिन जाम लगा होने की बात जब ई रिक्शा चालक ने होमगार्ड से कही और कहा कि पहले आप लोग जाम तो खुलवाईये,तभी तो निकल पाउँगा। इतना सुनते ही वो होमगार्ड किनारे पर बैठे बाकि होमगार्ड को ले आया और ई रिक्शा चालक से बदतमीजी करते हुए चाबी निकाल ली, और बाइक पर किनारे बैठे शिव सिंह छोकर नाम के एक टी एस आई के पास जाकर खड़ा हो गया। जब दबौली निवासी ई रिक्शा चालक वहाँ अपनी चाबी मांगने और होमगार्ड की शिकायत करने गया तो टी एस आई शिव सिंह छोकर ने बहुत ही गन्दा व्यवहार करते हुए चालक से गाड़ी के कागजात मांगे।
ई रिक्शा चालक ने मोबाईल पर एम परिवहन एप पर डाऊनलोड किये दस्तावेज जब दिखाये तो उनके साथी होमगार्ड ने मोबाईल छीन लिया। शिव सिंह छोकर ने अभद्रता करते हुए कहा कि ये ऐप मैं तुम्हारे घुसेड़ दूंगा जल्दी से कागज लाकर दिखा नही तो तुझे अंदर करवा दूंगा। गाड़ी के सभी कागजो को देखकर वो बिना किसी कारण ही ई रिक्शा चालक पर बड़बड़ाने लगे और फिर उसे भला बुरा कहकर वहां से जाने दिया। वहीं पर खड़े बाकि होमगार्ड आपस में चर्चा करते रहे कि ई रिक्शा चालक तो साहब से भी ज्यादा पढ़ा लिखा निकला ,इंग्लिश में बात कर रहा था और साहब की तो बोलती ही बंद हो गई।
अब सवाल ये उठता है कि जरीब चौकी चौराहे पर तैनात शिव सिंह छोकर व उनके साथी दोनों होमगार्ड को एक आम व्यक्ति को बिना वजह धमकाकर जेल भेजने की बात कहकर अपमान व शोषण करने का अधिकार किसने दिया और जब ये नियम लागू हो चुका है कि एम परिवहन एप पर दिखाए गए दस्तावेज से पुष्टि हो जाने पर यातायात व्यवस्था में लगे व अन्य पुलिस कर्मी किसी भी वाहन चालक का उत्पीड़न नही करेंगे तो क्या ऐसे नियम व आदेश प्रदेश सरकार केवल मीडिया में सुर्खियों के लिए जारी करती है,जिसका कोई अनुपालन कानपुर की ट्रैफिक पुलिस करना जरूरी नहीं समझती।
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