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सीएए विरोध प्रदर्शन में सड़क पर धरना देने वालों के ख़िलाफ़ ...

पुलिस का यू टर्न

कानपुर में सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध में चमनगंज में सड़कों को बंद करने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को 35 पर नामजद व 400 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों में बसपा से विधायकी का चुनाव लड़ने वाले हाजी वसीक (वर्तमान में आम आदमी पार्टी)  के परिवार के अलावा एआईएमआईएम, कांग्रेस के अलावा कई मुस्लिम संगठन के पदाधिकारी शामिल हैं। 35 नामजद आरोपियों में 13 महिलाएं भी हैं।

एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार के मुताबिक मोहम्मद अली पार्क में चल रहे धरने को बातचीत के बाद ज्ञापन लेकर 8 फरवरी की शाम को खत्म करने का एलान किया गया था। मगर 40-50 महिलाएं नहीं हटीं थीं।जिन को देर रात पुलिस द्वारा हटाया गया था जिस पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं एवं पुलिस के बीच तीख़ी मौखिक नोकझोंक भी हुई थी। दोनो पक्ष पीछे हटने को तैयार नही थे।  सी रात महिलाओं ने काफी हंगामा भी किया था।

वहीं दूसरे दिन से वह चमनगंज की सड़कों पर हजारों की तादात में महिलाएं उतर आईं। तीन दिनों तक प्रदर्शन जारी रहा था। बाद में जनता एवं प्रशासन के बीच सम्मानित एवं प्रभावशाली लोगों के समक्ष समझौता हुआ था।
पुलिस प्रशासन के समझाने पर प्रदर्शनकारी मोहम्मद पार्क में धरने पर बैठ गईं थीं, पुलिस प्रशासन द्वारा पुनः किसी भी प्रकार की कार्यवाही न करने की बात साथ ही जनता द्वारा भी पुलिस को आश्वासन दिया गया था कि धरना शांतिपूर्वक तरीक़े से होगा साथ ही इस मे किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नही होगा। 

एसपी ने बताया कि इसी मामले में धारा 144 का उल्लंघन, सरकारी काम में बाधा, सड़क जाम कर प्रदर्शन, बच्चों को शामिल करना और माहौल खराब करने का प्रयास करने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।

वसीक की पत्नी, बेटी व भाई के अलावा ये हैं आरोपी 

पुलिस ने हाजी वसीक को प्रदर्शन का मुख्य आरापी बताया है। उनकी पत्नी हारुननिशा, बेटी व भाई लईक के अलावा आप पार्टी के हाजी मुजीब इकराम व नफीस अख्तर, इंडियन नेशनल लीग का मोहम्मद सुलेमान, एआईएमआईएम का साहिबे आलम, यूथ कांग्रेस का महासचिव इनामुल नस्तर, मुस्लिम वेलफेयर पार्टी का जिलाध्यक्ष जामी के  साथ मोहम्मद आबिद, सोनू, नफीसा, चंदू, वसीक अहमद, मिस अनस, चंदा उर्फ चांद बीबी, हदीबा, फरीदा, शबाना, मो. दानिश, रईस, सईया हबीब, हुमेरा वसित, जीरन बेगम, अदीबा, सफीक, अदीता फरीद, हाजी इस्तियाक, इकबाल अहमद उर्फ डेविड, टीटू उर्फ जहांगीर, आजाद, शाकिब अंसारी, मुफ्ती अंजार व नफीस नूरी को नामजद आरोपी बनाया गया है।

पर्दे के पीछे रह पुरुषों ने भड़काया-प्रशासन

एफआईआर के मुताबिक धरना प्रदर्शन में पुरुष आरोपियों की अहम भूमिका रही। वह पर्दे के पीछे रहकर महिलाओं को भड़काया। जिससे अधिक से अधिक महिलाएं प्रदर्शन में शामिल हों। सड़कों पर प्रदर्शन के पूरे इंतजामात भी उन्होंने ही किये। एसपी के मुताबिक इन सभी से पहले बातचीत की गई थी और ज्ञापन लेकर प्रदर्शन खत्म करने की बात कही गई थी लेकिन उनका प्रदर्शन जारी रहा।

जनता की बात

पुलिस द्वारा नामजद एवं अज्ञात एफआईआर पर आम जनता के बीच से एक ही आवाज़ सामने आ रही है कि वादे पर न पहले यकीन था और जो अब हो रहा है उसका अंदेशा पहले से था, पुलिस और प्रशासन की करनी एवं कथनी पर विश्वास करना अब बेवकूफ़ी है सारे प्रदेश एवं केंद्र समर्थित राज्यों में प्रशासन द्वारा एक संप्रदाय विशेष के प्रति किसी प्रकार से दमनकारी नीतियों का प्रयोग किया जा रहा है इसका उदाहरण बीते कुछ एक महीनों में सारे विश्व पटल पर जगज़ाहिर हो चुका है। पहले बल प्रयोग बात न बनने पर मानमुनव्वल बाद में एफआईआर।

 

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