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कानपुर एसएएफ और एआरडीई पुणे के संयुक्त प्रयास से विकसित.... ...

 कानपुर की कारबाइन करेगी संसद से लेकर दिल्ली मेट्रो और वीवीआईपी की सुरक्षा

लघु शस्त्र निर्माणी, कानपुर (एसएएफ) और एआरडीई पुणे के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन (जेवीपीसी) शनिवार को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपी गई। सीआईएसएफ आगरा यूनिट के कमांडेंट बृजभूषण को 100 कारबाइन की पहली खेप निर्माणी के महाप्रबंधक संजय कुमार पटनायक ने निर्माणी में आयोजित हस्तांतरण कार्यक्रम के दौरान सौंपी। बताया गया इन कारबाइनों का प्रयोग संसद, दिल्ली मेट्रो और वीवीआईपी की सुरक्षा में लगी सीआईएसएफ करेगी। सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस की ओर से 10 हजार कारबाइन का आर्डर निर्माणी को मिल चुका है। महाप्रबंधक ने बताया कि दिल्ली पुलिस, जम्मू कश्मीर पुलिस, कोस्ट गार्ड समेत सभी राज्यों की पुलिस ने इस कारबाइन में रुचि दिखाई है। इन सभी जगहों से बड़े पैमाने पर आर्डर मिलने की संभावना है। निर्माणी में प्रति वर्ष 10 हजार कारबाइन तैयार करने की क्षमता है। आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाया जाएगा। बताया कि बेल्ट फेल्ड, लाइट मशीन गन का प्रोटोटाइप तैयार कर लिया गया है। सितंबर या अक्तूबर से इसके परीक्षण शुरू होंगे। निर्माणी में स्लाइड फोल्ड रिवाल्वर और एनएसजी कमांडो के लिए एक विशेष कारबाइन बनाने का काम शुरू किया गया है।

सीआईएसएफ आगरा यूनिट के कमांडेंट बृजभूषण ने बताया कि जेवीपीसी पूर्व की कारबाइन से बेहद खास है। हल्की होने के अलावा इसमें किसी प्रकार की दुर्घटना आदि की आशंका नहीं है। पहले वाली कारबाइन से गाड़ी आदि में लेकर चलने पर गड्डे में पड़ने पर गोली चल जाती थी। इसमें ऐसी कोई आशंका नहीं है। अभी यूजर ट्रायल के लिए 100 पीस लिया गया है। परीक्षणों और अनुभव के बाद और आर्डर देने की संभावना है। यह देश में विकसित कारबाइन है। विदेश से खरीदी जाने वाली कारबाइन महंगी पड़ती थी।

डिप्टी कमांडेंट अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि जेवीपीसी की मारक क्षमता इसे जर्मनी और बेल्जियम की कारबाइनों से अलग करती है। इस दौरान अपर महाप्रबंधक अजय सिंह, तुषार त्रिपाठी, संयुक्त महाप्रबंधक आरके मीना, प्रतिरक्षा कर्मी केके तिवारी, छबिलाल यादव, अनिल उपाध्याय, अभय मिश्रा आदि थे।

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