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बेघर लोगों ने महेदवा गांव में प्राथमिक स्कूल में डेरा डाला ...

प्रशासन की ओर से राहत की खानापूरी

कानपुर देहात। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से साढ़े तीन मीटर ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ से तीन दर्जन गांव प्रभावित है। इन गांवों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। जैसलपुर गांव में बुधवार को आठ और घर गिर गए। मंगलवार को बाढ़ के पानी से 15 गांव ढह गए थे। बेघर हुए लोगों ने महेदवा गांव में प्राथमिक स्कूल में डेरा डाल लिया है। मवेशियों को छुट्टा छोड़ दिया है। प्रशासन की ओर से राहत की खानापूरी की जा रही है।

जैसलपुर गांव टापू बन गया है। ग्रामीणों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए केवल एक नाव लगी है। वह भी गांव के ही ग्रामीण की है। राजपुर प्रतिनिधि के अनुसार मंगलवार को गांव में एक घर गिर गया था जबकि बुधवार को जैसलपुर गांव के राघवेंद्र सिंह, रामकेश, सखीदास, भगवान दास, कढ़ोरे, राजनरायन सिंह, मुनीम सिंह के कच्चे घर गिर गए। गृहस्थी का सामान खराब हो गया। किसी तरह से कुछ सामान निकाल कर ग्रामीण बगल के गांव महदेवा के प्राइमरी स्कूल में पहुंच गए हैं। बैजामऊ बांगर गांव के गनपत सिंह, धर्म सिंह, सत्यनरायण, ओमकार सिंह, गजराज सिंह, जगरूप सिंह ने बताया कि यमुना नदी में तेजी से जलस्तर बढ़ने से गांव में पानी भर गया है। किसानों की सैकड़ों बीघा मक्का, अरहर, तिली की फसलें डूब गई हैं। बाढ़ की चपेट में जैसलपुर के साथ महदेवा, बैजामऊ बांगर, उमरिया गांव आ गए हैं। सिकंदरा प्रतिनिधि के अनुसार बैजामऊ बांगर के पूर्व प्रधान श्यामले सिंह ने बताया कि 20 वर्षों के बाद यमुना नदी में बाढ़ आई है। गांव के चारों ओर जलभराव हो गया है। ओमप्रभा ने बताया कि बाढ़ से उसका कच्चा घर गिर गया। लाखन सिंह, रमेश, मुनीश, जाहर सिंह, सुनील कुमार यादव समेत कई परिवार घर छोडकर सुरक्षित स्थान में डेरा जमा लिया है। गौहानी बांगर गांव के राजकुमार निषाद, राम बहादुर, तुलसी निषाद, हरी निषाद, उमाशंकर निषाद, शिव लाल ने बताया कि गांव में दर्जनों ग्रामीणों के घर गिर गए हैं। बुधवार को एसडीएम रमेशचंद्र यादव ने तहसीलदार लाख सिंह के साथ नाव से बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया। प्रधान रामकेश सिंह ने बाढ़ पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की है।

पुखरायां और मूसानगर प्रतिनिधि के मुताबिक तलहटी के ढाई दर्जन गांवों में हालात बदतर हो गए हैं। दो सैकड़ा घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में राशन, लंच पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। नावों की तादात बढ़ाकर डेढ़ दर्जन कर दी गई है। चपरघटा गांव में बाढ़ नियंत्रण चौकी बनाकर लोगों को राहत पहुंचाई जा रही। अपर जिलाधिकारी साहब लाल वर्मा, उपजिलाधिकारी राजीव राज, तहसीलदार न्यायिक लाल सिंह यादव, तहसीलदार प्रशासनिक आरएस वर्मा लगातार निगरानी कर रहे। उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एपी वर्मा की अगुवाई में बाढ़ प्रभावित गांवों में दवा का वितरण किया जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग संस्थान कालपी के कुशल सहायक ज्ञानचंद्र ने बताया कि बुधवार शाम सात बजे तक जल स्तर बढ़कर 111.95 मीटर हो गया है।

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