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वाणिज्य कर विभाग का सामान कुर्क कराने पहुंचा पीड़ित ...

छाया सन्नाटा रह गये हक्का बक्का

औरैया में 31 साल पहले दायर किए गए एक ट्रैक्टर की गलत नीलामी के मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन इटावा ने वाणिज्य कर विभाग के सामान की कुर्की कर रिकवरी का आदेश किया है। मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर सेल्स टैक्स विभाग के सामान की कुर्की करने पहुंचे।

इस पर विभाग के अधिकारियों ने मामला हाईकोर्ट में लंबित होने की जानकारी देकर उन्हें लौटा दिया। गड़िया लालपुर अजीतमल निवासी चौधरी अखिलेश दुबे ने वर्ष 1989 में सिविल जज सीनियर डिवीजन इटावा के यहां यह मामला दायर किया था। अखिलेश दुबे वर्तमान में शिवसेना के प्रदेश उप प्रमुख हैं।
उन्होंने बताया कि बिक्रीकर विभाग के अधिकारियों ने गलत रिकवरी के चलते 1989 में उनका एक ट्रैक्टर नीलाम कर दिया था। उस समय वह नाबालिग थे। इसके खिलाफ उन्होंने सिविल जज सीनियर डिवीजन इटावा में वाद दायर करते हुए नीलामी को गलत ठहराया था।

इस पर कोर्ट ने वर्ष 2003 में ट्रैक्टर की कीमत की रिकवरी के लिए बिक्रीकर विभाग के फर्नीचर व कंप्यूटर आदि सामान को कुर्क करने के आदेश दिए थे। कुर्की आदेश लेकर कोर्ट कर्मचारी के साथ वह पहुंचे तो विभाग ने उनका आंशिक भुगतान कर दिया था। बकाया भुगतान करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद 2003 से 2020 तक विभाग के चक्कर लगाता रहे, लेकिन पूरा भुगतान नहीं किया गया। इस पर उन्होंने फिर कोर्ट की शरण ली। 

कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को कोर्ट से नियुक्त कमिश्नर विभाग के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यालय में मौजूद अधिकारी रमेश सिंह को कोर्ट के आदेश की प्रति देकर सामान की कुर्की करने को लेकर सूची बनवाने में मदद करने को कहा।

सामान की कुर्की का आदेश सुनते ही कार्यालय में सन्नाटा छा गया। आनन-फानन में अधिकारियों ने वकीलों को फोन मिलाकर कोई रास्ता निकालने को कहा, लेकिन कोर्ट के कुर्की आदेश पर कोई भी कुछ निर्णय नहीं दे सका। 

पीड़ित अखिलेश दुबे के मुताबिक मामला बनता न देख विभाग के अधिकारियों ने इस प्रकरण को हाईकोर्ट में लंबित बताकर कोर्ट कमिश्नर को कुर्की करने से मना कर दिया है। पीड़ित ने बताया कि इस मामले को लेकर फिर कोर्ट जाएंगे और कुर्की रोकने के लिए अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गुहार लगाएंगे।

उधर, इस बाबत वाणिज्यकर विभाग औरैया के डिप्टी कमिश्नर रमेश सिंह ने बताया कि यह काफी पुराना मामला है। इसकी उन्हें पूरी जानकारी भी नहीं थी। यह प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित चल रहा है। इसकी जानकारी कुर्की की कार्रवाई करने आए कोर्ट कमिश्नर को दे दी गई है। 

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