प्रशासन पर दोहरा दबाव कोविड कर्फ़्यू का पालन और त्यौहार ...
शासन प्रशासन जनता और लॉक डाउन
कानपुर:- जैसा कि हम सब भलीभांति जानते है वर्तमान समय हमारा देश वैश्विक महामारी कोविड 19 की दूसरी घातक लहर के प्रकोप को झेल रहा है, जिसके चलते देश के कई राज्यों में त्राहिमाम मचा है, क्या उत्तर प्रदेश दिल्ली मध्यप्रदेश हो या महाराष्ट्र से राजस्थान सब राज्यो में स्तिथि चिंताजनक है कही कुछ कम तो कही बहुत ज़्यादा। जिसके लिए सरकार द्वारा आंशिक कोविड कर्फ़्यू लगाया गया है, जिसका अनुपालन करवाने की ज़िम्मेदारी प्रत्येक ज़िले में शासन द्वारा प्रशासन को पूर्व के भांति सौंपी गई है।
चिकित्सा प्रणाली की पोल खोलता एक ऐसा समय जिसने हम सबको सोचने और हमारे द्वारा चुनी गई सरकार से यह पूछने पर विवश किया आख़िर गलती किसकी है वोटर्स की या चुनाव जीत सत्ता पर आसीन हुए राजनेताओं की जो आज जनता अपनी और अपनों की साँसों की भी कीमत चुका रही ही वह भी मुँह मांगी क्योंकि आपदा में अवसर तलाशने वाले मानवरूपी राक्षसों ने इन विकट परिस्थितियों में भी जमकर कालाबाज़ारी कर अपने लिए नरक में प्लाट की व्यवस्था कर ली। ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर जीवनरक्षक औषधियां, सर्जीकल इक्विपमेंट्स या फिर खाद्य सामग्री सब ने जमकर हेराफेरी की है, कोई पूछने वाला नही चंद पर कार्यवाही 112 पर शिकायत का सुझाव और सब पर भारी लॉक डाउन बात ख़त्म। परंतु हल क्या है और कब तक यह सब होता रहेगा इसका उत्तर किसी के पास आज अभी तो नही है यह स्पष्ट है।
बात मुद्दे की
जैसा कि हम सब जानते है यह समय रमज़ान के पवित्र महीने का चल रहा है और इस ही सप्ताह मुस्लिमों के सबसे बड़े पर्व ईद उल फित्र (ईद) भी है, यूपी में शासन द्वारा आंशिक लॉक डाउन की सीमा बढ़ाते हुए 17 मई कर दी गई है जिससे ईद का त्यौहार अब कोविड के आंशिक कर्फ़्यू में ही सादगी के साथ संपन्न किया जाना तय है।
सबसे पहले रमज़ान ऊपर से इतना बड़ा त्यौहार ऐसे समय शासन द्वारा सख़्ती के साथ कोविड 19 के प्रकोप के रोकथाम के लिए जा रहे आवश्यक निर्णय में से एक आंशिक कोविड कर्फ़्यू न सिर्फ़ आम जनता के लिए परेशानियों का सबब बल्कि प्रशासन के लिए भी सिर दर्द बना हुआ है।
बेकनगंज थाना क्षेत्र का एक वीडियो बीते दिन सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय बना रहा। वैसे तो बीते एक दिन पूर्व एक चैनल द्वारा भी क्षेत्रीय थाने पर सवाल उठाते हुए एक लाइव वीडियो चलाया गया था जिसमें बेकनगंज क्षेत्र मे आंशिक कर्फ़्यू का पालन लोगो द्वारा पूर्णरूप से नही किया जा रहा दिखाया गया था साथ ही पुलिस की गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठाए गए थे।
चर्चित वीडियो
कानपुर नगर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र के थाना बेकनगंज में देखने को मिला एक अजब वाक्य, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक परिवार की महिलाओं के संग पुलिस की नोकझोंक, वीडियो में नोकझोंक में एक वृद्ध महिला का ज़मीन पर गिरना और अन्य उपस्थिति महिलाओं का उत्तेजित हो पुलिस विरोधी नारेबाज़ी करना।
वीडियो की पूर्णरूप से जांच करने एवं विश्वसनीय सूत्रों से पुष्टि के उपरांत हमारी टीम के सामने जो सच निकल कर आया वह वीडियो में दिख रही घटना के काफी विपरीत है। क्षेत्रीय थाने द्वारा लॉक डाउन का पालन करने के उद्देश्य से बीते कई दिनों से एक क्षेत्रीय छुटभैया को अल्टीमेटम दिया जा रहा था जो कि क्षेत्रीय छोटे दुकानदारों से उगाही कर उनको कर्फ़्यू में भी दुकान खोलने के लिए थाने को समझने की बात करता फिर रहा था। जिस की सूचना पर क्षेत्रीय अमले द्वारा नेताजी द्वारा संचालित दुकानों को बंद करवा ताक़ीद कर न खोलने की हिदायत के साथ बन्द कराया गया साथ ही नेता जी को थाने में उपस्थित हो स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाने पर भी न उपस्थित होने पर क्षेत्रीय अमला उनके घर पहुँचा जहां महिला सिपाही द्वारा घर की महिलाओं से बातचीत होती वीडियो में साफ नजर आ रही है, एक सिपाही द्वारा महिलाओं से हाथ जोड़ निवेदन करते भी दिख रहा है, साथ ही महिलाओं द्वारा नेता जी की अनुपस्थिति की बात कह निरंतर महिला सिपाही से नोकझोंक जारी है। वीडियो में कही भी क्षेत्रीय थाने की ओर से किसी के भी द्वारा कोई अभद्र भाषा एवं बल प्रयोग करते नही नज़र आता मात्र एक मोबाईल की छीनाझपटी में वृद्ध महिला का ज़मीन पर गिर अचेत होना दिखाई दे रहा है। वीडियो में प्रस्तुत ऑडियो में वृद्ध महिला पर पुलिस द्वारा मारपीट करने का आरोप भी वीडियो का विश्लेषण बारीकी से करने पर निराधार साबित होता है। महिला ज़मीन पर पुलिस से मोबाईल की छीनाझपटी में गिर अचेत हुई न कि मार पिटाई करने पर।
आप को बताते चले क्षेत्रीय अमला जनता के सहयोग के साथ आंशिक रियायतों के साथ शासन द्वारा निर्देषित कोविड 19 कर्फ़्यू का पालन मुस्तैदी के साथ करा रहा है। रमज़ान और त्योहार के मद्देनजर क्षेत्रीय थाने का अमला लोगो को अपनी ज़रूरतों और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता करवाने हेतु छूट दे देता है स्तिथि एवं नियमानुसार। परंतु जैसा कि हम सब जानते है बद भला बदनाम बुरा जी हां ख़ाकी जो बदनाम ठहरी, अच्छा भी करेगी तो भी हम सोचने पर विवश है ऐसा क्यों और हो भी क्यो न पुलिस से यारी अपनो पर भी भारी। जनता को दी जा रही राहत या छूट शासन द्वारा नही है यह आपको क्षेत्रीय थाने द्वारा मानवता स्वरूप दी जा रही है। जिस के लिए क्षेत्रीय थाने पर शासन द्वारा कार्यवाही भी की जा सकती है।
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