कानपुर में आयकर विभाग का एक्शन ...
काली कमाई से खरीदी गई 10 करोड़ की संपत्तियां कुर्क
कानपुर-बिठूर के सिंहपुर कछार आदि क्षेत्र में नौकरों और जमीन से जुड़े परिजन के जरिए संपत्तियां खरीदी गईं। इसमें जमीन-खरीद फरोख्त के नियमों की भी अनदेखी की गई। वहीं दूसरे मामले में बहरीन में रह रहे दपंती ने ड्राइवर के जरिए 55 लाख की संपत्ति खरीद डाली।
आयकर विभाग के बेनामी प्रकोष्ठ ने काली कमाई के जरिए खरीदी गई 10 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क कर लिया। एक साल पहले डाक के जरिए विभाग में आई सूचना के बाद हुई जांच में मामला सामने आया। बिठूर के सिंहपुर कछार आदि क्षेत्र में नौकरों और जमीन से जुड़े परिजन के जरिए संपत्तियां खरीदी गईं। इसमें जमीन-खरीद फरोख्त के नियमों की भी अनदेखी की गई। वहीं दूसरे मामले में बहरीन में रह रहे दपंती ने ड्राइवर के जरिए 55 लाख की संपत्ति खरीद डाली। इसे भी कुर्क कर लिया गया है।
दरअसल, एक साल पहले बेनामी प्रकोष्ठ में एक डाक आई। जिसमें जमीनों से जुड़ी सारी जानकारी थी। जमीनों की खरीद में की गई अनियमितता के साथ ही बैंकों के खातों में हुए लेन-देन की बात बताई गई थी। इसके बाद विभाग ने मामले की जांच की तो एक के बाद एक गड़बड़ी और काली कमाई के गठजोड़ का पता चला। जांच में पता चला कि कल्याणपुर में रहने वाले अभिषेक शुक्ला ने अपने दो नौकरों करन कुरील और एकलव्य मोहन कुरील ने नाम पर दलित की जमीन खरीदी। यह जमीन बिठूर के सिंहपुर कछार निवासी मृतक दलित घसीटाराम की थी।
उनके पोते मनीष ने पावर आफ अटार्नी का लाभ उठाकर जमीन बेची। दरअसल जमीन एस-एसटी की थी। जो नियमानुसार अनुमति लेकर एस-एसटी को ही बेची ज सकती थी। सूत्रों ने बताया कि कई बीघा जमीन बिठूर और धर्मपुर के अलग-अलग हिस्सों में पोते मनीष से अभिषेक ने दोनों नौकरों के नाम पर खरीदी। घसीटाराम और मनीष के संयुक्त खाते में अभिषेक ने रकम भेजी। इसके बाद मनीष ने अपने खुद के खाते में रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
जमीन की खरीद-फरोख्त होने के बाद फिर से मनीष के पर्सनल अकाउंट से अभिषेक के खाते में रकम ट्रांसफर की गई। इस मामले में मनीष ने अपने पिता और चाचा को भनक नहीं लगने दी। इसके बाद अभिषेक ने नौकरों करन और एकलव्य के खाते में दोबारा पैसा ट्रांसफर किए। फिर जमीनों को उसी रकम से नौकरों के नाम पर खरीदी। इस पूरे खेल में एससी/एसटी भूमि कानून का भी उल्लंघन किया गया। वहीं विभाग ने गांवों में मुनादी करवाकर संपत्ति कुर्क कर ली।
ड्राइवर के नाम खरीदी 55 लाख की जमीन
एक दूसरे मामले में विभाग ने सूरज सिंह पटेल और पत्नी रीना सिंह पर की है। उन्होंने अपने ड्राइवर धर्मेंद्र के नाम पर करीब 55 लाख रुपये की जमीन खरीदी है। ये दंपती ओबीसी हैं लेकिन दलित की जमीन को अपने एससी ड्राइवर के नाम पर खरीदा था। इनकी भी करीब 55 लाख रुपये की बेनामी संपत्ति को कुर्क कर दिया है। ये दंपती कानपुर के रहने वाले हैं लेकिन मौजूदा समय में बहरीन में रह रहे हैं।
इन संपत्तियों को किया कुर्क
414 प्रतापपुर हरी, तहसील, कानपुर सदर कानपुर, 25 और 26 गंगपुर चकबदा, तहसील कानपुर सदर कानपुर, 454, 469 ख, 470 ख, 491, 492 हिन्दूपुर कानपुर सदर , 474 और 475 सिंहपुर कछार कानपुर सदर, 27 घ और 28 घ धर्मपुर तहसील कानपुर सदर, 223 सिंहपुर कछार, तहसील कानपुर सदर, 414 प्रतापपुर हरी तहसील कानपुर सदर, 24 घ और 28 घ- धरमपुर तहसील कानपुर सदर, 28 गंगपुर चकबदा, तहसील कानपुर सदर, कानपुर, 223 सिंहपुर कछार, तहसील कानपुर सदर कानपुर।
मुनादी पिटवाकर कुर्क कराई संपत्ति
विभाग ने पुलिस, तहसील सदर के अफसरों की मौजूदगी में मुनादी के साथ संपत्तियों को कुर्क किया। गांव के लोगों को जानकारी दी गई। जमीनों पर कुर्की का आदेश टंगवाया गया है। सूत्रों ने बताया कि मामले में अभिषेक शुक्ला के साथ ही मृतक किसान का पोता मनीष, करन और एकलव्य जांच के दायरे में हैं। जांच के दौरान नौकर करोड़ों की कमाई की जानकारी नहीं दे पाए थे।
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