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नीट और यूपीसीएटीईटी में सेंधमारी ...

दस से 15 लाख में होती थी डील

कानपुर- नेशनल इलिजिबिलिटी इंट्रेंस टेस्ट (नीट) और उत्तर प्रदेश कंबाइंड एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी इंट्रेंस टेस्ट-2020 (यूपीसीएटीईटी) की परीक्षाओं में बड़ी सेंधमारी हुई। सॉल्वर गैंग ने प्रदेश भर में परीक्षाएं दीं।

बजरिया पुलिस ने बुधवार को सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ कर दो एमबीबीएस डॉक्टर समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। सरगना समेत तीन आरोपी फरार हैं। एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर के एमबीबीएस डॉक्टर रामपुर, चिल्ह मिर्जापुर निवासी अवध बिहारी ने प्रयागराज निवासी साहिल सोनकर की जगह पर नीट की परीक्षा दी।

ये परीक्षा दिल्ली के रोहिणी सेक्टर तीन स्थित केंद्रीय विद्यालय सेंटर पर हुई थी। सीतापुर निवासी अभ्यर्थी शैलेश की जगह पर वासगांव, गोरखपुर निवासी अमित ने नीट की परीक्षा अर्मापुर में बनाए गए परीक्षा केंद्र केंद्रीय विद्यालय में दी।

इसके अलावा अनूप पटेल की जगह पर फैजाबाद निवासी सॉल्वर राकेश वर्मा ने बीएनएसडी शिक्षा निकेतन परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी। एसपी ने बताया कि इनके जरिये लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एमबीबीएस डॉक्टर सचिन कुमार मौर्या, बलरामपुर के पचपिड़वा निवासी महफूज और गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के बेदरतन की गिरफ्तारी की गई।  पनकी गंगागंज का धीरेंद्र प्रताप सिंह भी गिरोह का ही सदस्य है। 

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा, 10-15 लाख वसूले 

एसपी पश्चिम ने बताया कि बेदरतन, महफूज और डॉक्टर सचिन अभ्यर्थियों को जुटाते थे। उनका ब्योरा तैयार कराते थे। फर्जी आधार कार्ड व फोटो मिक्स कर दस्तावेज तैयार करने की जिम्मेदारी धीरेंद्र प्रताप की रहती थी।

वो कल्याणपुर के शारदा नगर स्थित अपने फोटो स्टूडियों में ये पूरा खेल करता था। एसपी के मुताबिक सॉल्वर गैंग एक-एक अभ्यर्थी से 10 से 15 लाख रुपये तक परीक्षा पास कराने के लिए वसूलते थे। पूछताछ में आरोपियों ने पूरा फर्जीवाड़ा कबूला है।

सरगना फरार, बिचौलियों की बड़ी भूमिका

एसपी ने बताया गिरोह का सरगना लोहावन, यमुनापर थाना क्षेत्र मथुरा का रहने वाला भोलाशंकर है। भोला शंकर के साथ ही महोबा का सतेंद्र सिंह और प्रयागराज का जानकी त्रिवेदी फरार है। भोलाशंकर के सक्रिय सदस्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में रहते हैं।

इसमें बिचौलियों की बड़ी भूमिका है। ये बिचौलिये अभ्यर्थियों की तलाश करते हैं। उनको अपने जाल में फंसाते हैं और फिर भोलाशंकर से बात कराते हैं। वो तय करता है कि कौन किसकी जगह पर परीक्षा देगा। ये खेल वो कई वर्षों से कर रहे थे। करोड़ों रुपये कमा इतनी बड़ी परीक्षाओं में सेंधमारी की। 

एजेंसी से किया संपर्क

पुलिस ने इन परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली एजेंसियों से संपर्क कर पूरी जानकारी दी है। इसके साथ ही सॉल्वरों ने जिन-जिन अभ्यर्थियों की जगह पर परीक्षा दी है, उनका डाटा भी मांगा है। एसपी का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा सिस्टम में किस तरह से सेंधमारी की गई है इसकी अहम जानकारी जांच में सामने आएंगी। अभी कई और आरोपी बनेंगे।

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