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नर्सिंगहोम में इलाज के दौरान घायल युवक की मौत ...

नर्सिंगहोम में इलाज के दौरान घायल युवक की मौत

उन्नाव के कब्बाखेड़ा सिविल लाइन स्थित एक नर्सिंगहोम में मार्ग दुर्घटना में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के डाक्टरों और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा और तोड़फोड़ की। पथरवाव में डाक्टर की कार और एक एंबुलेंस भी क्षतिग्रस्त हो गई। हंगामा कर रहे लोगों ने जाम लगाने का भी प्रयास किया।

इस पर पुलिस को लाठियां पटकनी पड़ी। पुलिस के काफी समझाने पर करीब डेढ़ घंटे बाद परिजन शांत हुए। तब पुलिस शव को मुर्दाघर भेज पाई। असोहा थानाक्षेत्र के गांव देबी जगदीशपुर निवासी मनोज कुमार (32) पुत्र मोतीलाल मंगलवार को नवाबगंज कस्बे में मार्ग दुर्घटना में घायल हो गया था। परिजनों ने उसे शहर के कब्बाखेड़ा सिविल लाइंस स्थित उन्नाव मेडिकल सेंटर नर्सिंगहोम में भर्ती कराया था।

मृतक के चचेरे बाबा व ग्राम प्रधान श्रीपाल ने पुलिस को बताया कि नर्सिंगहोम में इलाज में 2 लाख रुपये का खर्च बताया गया और 1 लाख रुपये तुरंत जमा करा लिए गए। बुधवार सुबह 50 हजार रुपये और जमा कराए। इस दौरान डाक्टरों ने परिवार को घायल को देखने नहीं दिया। बुधवार दोपहर 50 हजार रुपये और जमा करने को कहा। इसपर परिवार के लोगों ने घायल को एक बार देखने और उसकी तबीयत का हाल जानने की बात कही।आरोप है कि डाक्टरों ने यह कहकर घायल को देखने से रोक दिया कि वह आईसीयू में है। चचेरे बाबा ने बताया कि शक होने पर रात करीब 8 बजे परिवार के कुछ लोग आईसीयू के भीतर गए तो मनोज को मृत पाया। उसे ऑक्सीन व अन्य जीवन रक्षक प्रणाली से अलग रखा था। इसपर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और आईसीयू से ही तोड़फोड़ शुरू कर दी। उसके बाद डाक्टर कक्षा, ऑपरेशन कक्ष औैर नर्सिंगहोम के बाहर पथराव कर शीशे, डाक्टर की कार और एंबुलेंस के शीशे भी तोड़ दिए।

बवाल देख नर्सिंगहोम के डाक्टर भाग खड़े हुए। अस्पताल कर्मियों ने 100 नंबर पर सूचना दी। कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे परिजनों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन आक्रोशित परिजन नहीं माने और सड़क पर बैठ गए। पुलिस ने पहले समझाने का प्रयास किया लेकिन न हटने पर लाठियां पटक कर लोगों को तितर बितर किया। पुलिस ने मृतक के परिजनों को आनन फानन ई रिक्शे में बैठाया और शव को प्राईवेट एंबुलेंस से मुर्दाघर भेजवाकर मामला शांत कराया।परिवार के लोगों ने बताया कि मृतक मनोज मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता था। वह चार भाईयों में सबसे बड़ा था। मनोज की मौत से मां शांती देवी, पत्नी ऊषा देवी का बुराहाल है। मृतक के दो बेटी व एक बेटा है। सदर कोतवाली एसएसआई चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि हंगामा शांत कराया गया है। परिजनों ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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