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बेटे की मौत से टूटे एचआर पिता ...

                                                                                         बीफार्मा प्रथम वर्ष के छात्र की ट्रक की टक्कर से मौत  

कानपुर-उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के कोयलानगर में बुधवार सुबह दोस्तों संग बाइक से कॉलेज जा रहे बीफार्मा प्रथम वर्ष के छात्र की ट्रक की टक्कर से मौत हो गई। वहीं, दो साथी घायल हो गए। पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है। बर्रा स्थित आजाद कुटिया निवासी हरीश दुग्गल एक डिफेंस सप्लायर कंपनी में एचआर के पद पर हैं। उनका इकलौता बेटा वरदान दुग्गल (18) एक्सिस कॉलेज रूमा में बीफार्मा प्रथम वर्ष का छात्र था। वह बुधवार सुबह घर से कॉलेज के लिए निकला था। नौबस्ता बाईपास पर रतनलालनगर निवासी कॉलेज का दोस्त रोहित साहू बाइक के साथ मिला। वह बाइक पर सबसे पीछे बैठ गया। रोहित की बाइक सचेंडी निवासी सुशांत सिंह चला रहा था।

कोयलानगर हाईवे पर उनकी बाइक में पीछे से आ रहे गैस सिलिंडर लदे ट्रक ने टक्कर मार दी। इससे तीनों बाइक से सड़क पर गिर पड़े। वरदान के सिर पर गहरी चोट आने से उसी मौत हो गई।

वहीं, रोहित और सुशांत को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुशांत ने हेलमेट पहन रखा था। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेते हुए चालक को गिरफ्तार कर लिया है।

                                                                                       पहले पत्नी फिर मां, अब बेटा भी गया... मैं अकेला रह गया, किसके सहारे जिंदा रहूंगा

बीफार्मा के छात्र वरदान दुग्गल की मौत ने उनके पिता हरीश दुग्गल को तोड़कर रख दिया। वह बेटे का शव देख कहते रहे.. पहले पत्नी ने फिर मां ने साथ छोड़ा अब बेटा भी छोड़ गया.. मैं अकेला रह गया हूं..। किसके सहारे जिंदा रहूंगा...। 

दरअसल, हरीश की पत्नी नीतू की दो साल पहले कोरोना काल में मौत हो गई थी। 15 दिन पहले ही उनकी मां बीना दुग्गल की भी मौत हो गई थी। वह कैंसर की बीमारी से पीड़ित थीं। बुधवार को उन्होंने अपने इकलौते बेटे को भी एक सड़क दुर्घटना में खो दिया। अब परिवार में हरीश और उनके पिता बालकिशन ही बचे हैं। 

                                                                                                     वरदान रोज जाता था टैक्सी से

मौसा जसवंत सिंह ने बताया कि वरदान रोज घर से ऑटो और टैक्सी से कॉलेज जाता आता था। पर बुधवार को वह अपने दोस्त की बाइक पर पीछे बैठ कर गया था।

                                                                                        योग और जिमनास्टिक कला का धनी था वरदान

वरदान दुग्गल महज 18 वर्ष की उम्र में योग और जिमनास्टिक कला का धनी बन चुका था। उसने इससे कई अवार्ड जीते थे। वह पढ़ाई में भी होनहार था।

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