प्यार-विश्वास का कत्ल : हरप्रीत हत्याकांड ...
एक आरोपी गिरफ्तार
कानपुर के नजीराबाद से लापता छात्रा हरप्रीत कौर (22) की हत्या उसके मंगेतर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर की थी। हत्यारोपियों ने छात्रा को स्टेशन के बाहर से कार में बैठा लिया था। फिर नशीली कोल्ड ड्रिंक पिला बेहोश किया और कार में गला घोट मार डाला था।
पुलिस ने सोमवार को हत्याकांड का खुलासा कर एक आरोपी सुखविंदर सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसके पास से छात्रा का ट्रॉली बैग और कार बरामद कर ली है। मुख्य आरोपी छात्रा का मंगेतर व उसका एक साथ अभी फरार है। शादीशुदा होने की वजह से मंगेतर ने हरप्रीत से पीछा छुड़ाने के लिए वारदात को अंजाम दिया। एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा में जुगावा, अमृतसर पंजाब निवासी जुगराज सिंह नौकरी करता था। एक साल पहले हरप्रीत से उसकी यहीं पर मुलाकात हुई थी। फिर दोनों में प्रेम हो गया। हरप्रीत के परिजनों ने उससे शादी तय कर दी थी और 13 दिसंबर को सगाई होनी थी।
जुगराज शादीशुदा था और यह बात उसने हरप्रीत और उसके परिजनों से छिपाई थी। हरप्रीत से शादी तय होने के बाद वह किसी तरह उससे पीछा छुड़ाना चाहता था। इसलिए उसने अपने दो दोस्तों, उसी के गांव निवासी सुखजैन सिंह व तरसिक्का, अमृतसर निवासी सुखविंदर सिंह के साथ मिलकर हरप्रीत की हत्या की साजिश रची।
ऐसे मारा
जुगराज सिंह, सुखजैन सिंह व सुखविंदर सिंह 9 दिसंबर की रात सुखविंदर की कार से कानपुर आए। 9 दिसंबर को ही हरप्रीत दिल्ली में अपने भाई से मिलने के लिए निकली थी। उसे श्रमशक्ति एक्सप्रेस से दिल्ली जाना था। हत्यारोपियों को यह बात पता थी। तीनो स्टेशन पहुंचे और रेलवे स्टेशन के बाहर से हरप्रीत को कार में बैठा लिया। दिल्ली चलने की बात कहकर पहले गोेविंदनगर में अनिल मीट की दुकान पर सभी ने खाना खाया फिर हरप्रीत को कोल्ड ड्रिंक पिलाई। कोल्ड ड्रिंक में नशीली गोलियां मिला दी थीं।
उसके बाद सभी दिल्ली हाईवे की तरफ गए। हरप्रीत के बेहोश होने पर कार इलाहाबाद हाईवे की तरफ ले गए। रात करीब दो बजे महाराजपुर के पास कार के शीशे बंद किए और म्यूजिक की आवाज बढ़ा दी। फिर तीनों ने मिलकर हरप्रीत को गला दबाकर मार दिया और शव हाईवे किनारे फेंक चले गए। एसपी ने बताया कि सुखविंदर सिंह को पकड़ लिया गया है। मुख्य आरोपी जुगराज व सुखचैन की तलाश जारी है।
चार बार पार किया टोल
नजीराबाद इंस्पेक्टर मनोज कुमार रघुवंशी ने बताया कि दिल्ली नंबर की टैक्सी वैगनआर कार सात घंटे में चार बार बारा टोल से इधर से उधर क्रॉस की। 9 दिसंबर की रात 8:31 बजे कार कानपुर आई। रात 12:36 बजे कार वापस दिल्ली की तरफ गई। 45 मिनट बाद रात 1:19 मिनट पर कार वापस फिर कानपुर की तरफ आई। इसके बाद हरप्रीत को आरोपियों ने मारा और तड़के 3:36 बजे वापस बारा टोल प्लाज क्रॉस कर कार दिल्ली चली गई। यहां के फुटेज से पुलिस को मदद मिली। वारदात में शामिल होने के लिए जुगराज ने अपने साथियों को एक-एक लाख रुपये देने का सौदा किया था।
शातिरपना भी नहीं बचा पाया, यहां फंसे
मुख्य आरोपी जुगराज बेहद शातिर है। कानपुर आकर हत्याकांड को अंजाम दिया लेकिन अपने सभी मोबाइल दिल्ली में ही छोड़ दिए थे। जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके। हत्या के दूसरे दिन दिल्ली में वह हरप्रीत के भाई सुरेंदर सिंह से भी मिला था जिससे उस पर शक न जाए। मगर घंटाघर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज, बारा टोल प्लाजा की जानकारी व संदिग्ध नंबरों से हत्यारों का पर्दाफाश हो गया।
पूरी घटना
जवाहर नगर निवासी हरप्रीत कौर (22)9 दिसंबर की रात दिल्ली जाने के लिए घर से निकली थी। लेकिन दिल्ली नहीं पहुंची। 12 दिसंबर को दोपहर में महाराजपुर थाना क्षेत्र में हरप्रीत का शव पड़ा मिला था। तब पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी।
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